अजगर की शरीर-क्रिया की समझ के फायदे
Shaikshanik Sandarbh|September - October 2020
24 दिसम्बर को भरतपुर के केवलादेव नेशनल पार्क में प्रवेश लेते हुए सुबह के साढ़े ग्यारह बज रहे थे। इसके बावजूद सूर्य नदारद था। घने कोहरे के कारण चेन्नई से आई छह सदस्यीय फोटोग्राफर्स की एक टीम, पक्षियों के फोटो खींचने की बजाय अपना समय गप्पे मारने में लगा रही थी।
विपुल कीर्ति शर्मा
अजगर की शरीर-क्रिया की समझ के फायदे

एक घण्टे बाद धूप खिल गई परन्तु अधिकांश पक्षी पेट-पूजा कर घरौंदों में लौट गए थे और कुछ बचे-खुचे आराम फरमा रहे थे। मेरी निगाहें सड़क के दोनों ओर घनी झाड़ियों के बीच कुछ और ही खोज रही थीं। तभी मैदान जैसे खुले हिस्से में कुछ हलचल दिखी। ठण्डे बिलों में दुबके अजगर धूप खिलते ही धूप का मज़ा लेने बिलों से बाहर आने लगे थे।

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