उन के पीटर अंकल, अंटार्कटिका के दक्षिणी ध्रुव पर स्थित मैत्री अनुसंधान केंद्र में वरिष्ठ शोध वैज्ञानिक थे. जब वे उन से आखिरी बार मिलने गए थे तो उन्होंने उन्हें शोध स्टेशन और अपने पैंग्विन दोस्तों, टिप्पी और कोया के बारे में सबकुछ बताया था.
करण और रजत काफी उत्साहित थे, उन्होंने पूछा था, “प्लीज अंकल, क्या हम वहां घूम सकते हैं? हम दोनों पैंग्विनों को देखना चाहते हैं?" पीटर अंकल ने उन से वादा किया था कि अगर वे दोनों अपने स्कू में अच्छा प्रदर्शन करेंगे तो उन्हें रिसर्च यानी शोध स्टेशन की यात्रा पर ले जाया जाएगा.
दोनों ने खूब मेहनत की और अच्छे अंक प्राप्त किए. करण ने एक आर्ट प्रतियोगिता जीती और रजत ने टेबल टेनिस में पदक जीता.
इसलिए अंकल पीटर ने अपना वादा निभाया और उन की अनुसंधान स्टेशन का दौरा करने की व्यवस्था की. अब वे दीवाली के समय अपनी यात्रा के लिए सामान की पैकिंग करने में लगे थे.
“वह कितना शांत है," वे अपने दोस्तों को दिखा रहे थे.
"मुझे विश्वास है कि वहां बहुत ही बढ़िया और जमा देने वाली ठंड होगी,” भूमि ने मजाकिया अंदाज में कहा.
"तुम्हारी वहां पर कुल्फी जम जाएगी,” टीना ने हंसते हुए कहा.
"वह ईर्ष्यालु है,” आयुष हंसा.
"मैं भी जलाभूना हूं,” जौनी ने कहा, "कौन नहीं जलता होगा?”
“हम वहां से लाइव चैट करेंगे,” करण ने उत्साह से कहा.
“लेकिन क्या वहां तुम्हारे पास वाईफाई होगा? क्या वह सुदूरवर्ती इलाका नहीं है?” भूमि ने पूछा.
"हां, है तो. हम तसवीरें खींचेंगे और जब लौटेंगे तो सभी को दिखाएंगे,” रजत राजी हो गया था.
उन्होंने मोटी हुडी के साथ मोटे फर के जैकेट, बर्फ में पहनने वाले चश्मे, जूते, दस्ताने, मफलर और ऊनी टोपी पैक की.
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जो ढूंढ़े वही पाए
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