"चीकू, यह कौन सी जगह है? मैं ने तो इस के बारे में कभी नहीं सुना."
“हां, इस नगर के विषय में तो मुझे भी कुछ पता नहीं, चलो, नगर में चल कर देखते हैं,” मीकू की बात सुनकर चीकू बोला.
अभी वे दोनों बातें कर ही रहे थे कि उन्हें सामने से एक व्यक्ति भाग कर आता दिखाई दिया.
"चलो, इस व्यक्ति से इस नगर के बारे में पूछते हैं," मीकू बोला.
"अरे भाई, जरा रुकना, मैं चीकू हूं. हमें तुम से इस नगर के विषय में कुछ पूछना है,” चीकू ने सामने से आ रहे व्यक्ति से कहा.
"हटो सामने से, मैं यहां रुकने का खतरा मोल नहीं ले सकता और मेरी मानो तो तुम भी यहां से भाग जाओ," वह व्यक्ति बोला और वहां से भाग कर चला गया.
"कमाल है, बड़ा अजीब व्यक्ति था. खुद तो भाग गया और हमें भी यहां से भागने के लिए कह रहा था,” मीकू ने कहा.
"मुझे वह व्यक्ति कुछ घबराया हुआ सा लग रहा था, मुझे लगता है कि हमें उस की बात मान लेनी चाहिए और इस नगर में जाने का विचार छोड़ चीकू ने कहा. देना चाहिए," चीकू ने कहा.
"ओह, कम औन चीकू, हम किसी के कुछ भी कहने से इस नगर के इतने पास आ कर इसे देखे बिना वापस नहीं लौट सकते," मीकू बोला.
चीकू ने उसे समझाने का काफी प्रयास किया, लेकिन मीकू नहीं माना. 'जंबलटंबल' नगर में पहुंचते ही चीकू और मीकू हैरान रह गए. सभी नगरवासी अजीबोगरीब कार्यों में व्यस्त थे. कोई भैंस के आगे जा रहा था, तो कोई बंदर को अदरक खिलाने की कोशिश कर रहा था.
"यह क्या कर रहे हैं?" मीकू हैरान हो कर बुदबुदाया.
"यह तो नहीं पता, लेकिन मुझे यहां रुकना ठीक नहीं लग रहा है."
“अब तो मुझे भी ऐसा ही लग रहा है,” चीकू की बात सुन कर मीकू बोला. वे दोनों वापस लौटने के लिए पलटे ही थे कि बहुत से सैनिकों ने उन्हें घेर लिया.
"हमें वे चोर मिल गए, जिन्होंने कल रात सेठ मुलमुल के घर में चोरी की थी, " एक सैनिक ने कहा.
"लेकिन हम तो अभी अभी यहां आए हैं, हम चोरी कैसे कर सकते हैं?” मीकू ने घबरा कर कहा.
"अच्छा, तुम क्या हमारे सेनापति बंबलहेड को मूर्ख समझते हो, जो उन्हें किसी के चोर होने या न होने का पता नहीं चलेगा?" एक सैनिक चिल्लाया.
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