नन्हा खरगोश
Champak - Hindi|May Second 2024
अपनी दीदी दीप्ति व मम्मीपापा के साथ 5 वर्षीय भावित पिकनिक मनाने गया. उन्होंने साथ में खानेपीने व खेलने का सामान लिया और अपनी कार से शहर से बाहर एक झील के किनारे जा पहुंचे.
वंदना गुप्ता
नन्हा खरगोश

भावित को रविवार का दिन हरेभरे पेड़ों के बीच बिताना पसंद था. उस ने कई नई चिडिया देखीं, जो शहर में कभी नहीं देखी थीं. तितलियां तथा गिलहरियां भी इधरउधर दौड़ रही थीं.

भावित की मां व बहन ने एक पेड़ के नीचे चटाई बिछा कर उस पर साथ लाया सामान रख दिया.

अचानक भावित की नजर एक खरगोश पर पड़ी और वह खुशी से चिल्लाया, “मां, देखो, खरगोश."

जब भावित खरगोश के पीछे भागा तो खरगोश डर कर थोड़ी दूर बने एक छेद में घुस गया.

भावित उस के अंदर झांकने लगा. तभी वहां उस की बहन आई और बोली, “तुम यहां क्या कर रहे हो भावित?"

"दीदी, वह खरगोश इस छेद के अंदर चला गया है," भावित ने बताया.

"यह उस का बिल होगा. वह इस में रहता होगा," उस की बहन ने बताया.

"आप का मतलब बरो?"

अभी तक तो भावित ने केवल कहानियों में ही बिल का जिक्र सुना था, लेकिन आज सच में देख कर वह खुशी से उछलने लगा और बारबार उस में झांकने लगा..

"शशश भावित, हम यहां जानवरों को परेशान करने नहीं आए हैं, मैं ने पढ़ा है कि खरगोश का दिल बहुत कमजोर होता है, वह डर से मर भी सकता है," उस की बहन ने उस को डांटा.

"लेकिन मुझे एक खरगोश चाहिए, मुझे घर में खरगोश पालना है,” भावित ने जिद की.

तब मां ने उस को समझाया, "बेटा, खरगोश बहुत नाजुक प्राणी हैं. इन्हें घर में रखना ठीक नहीं है, देखो, मैं तुम्हारे लिए खाने की बहुत सारी चीजें लाई हूं, सैंडविच, समोसा, पेस्ट्री खा कर पिकनिक का आनंद लो."

उन्होंने लुकाछिपी, अंताक्षरी और फ्रिस्बी खेला तथा जी भर कर खाना खाया.

दीप्ति ने भावित का पेड़ों के चारों ओर पीछा किया. उन की खिलखिलाहट से मम्मीपापा भी हंस दिए.

उन्होंने झील पर सूर्यास्त का भी नजारा देखा.

भावित खेलने में लग गया और वह खरगोश को भूल गया.

जब शाम होने लगी तो पापा बोले, "यहां रहना सुरक्षित नहीं है, अब हमें घर चलना चाहिए."

उन्होंने जल्दी जल्दी सारा सामान कार में भरा और वापस घर आ गए.

घर लौटने के बाद दीप्ति पिकनिक की टोकरी में रखे सामान को रख रही थी.

“मम्माआआआ,” कह कर वह चिल्लाई और पीछे हट गई.

दीप्ति की चीख सुन कर सभी लोग उस के पास दौड़ कर आ गए.

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