मीकू चूहा, बिन्नी बिल्ली, जंबो हाथी सहित अनेक वनवासी मैदान में थे.
खिलाड़ियों के ट्रायल में अभी कुछ समय बाकी था, इसलिए वहां मौजूद सभी मैदान पर इधरउधर घूम रहे थे.
मीकू अपना उत्साह बढ़ाने के लिए मन ही मन खुद को विश्वास दिला रहा था कि उसे ओलिंपिक टीम में अवश्य शामिल कर लिया जाएगा.
मीकू अपने खयालों में खोया हुआ था और चलते चलते किसी से उस की टकर हो गई.
"सौरी, मैं ने आप को देखा नहीं था," मीकू बिना देखे बोला.
"कोई बात नहीं," मीकू जिस से टकराया था, उस पीछे घूमते हुए कहा, लेकिन जैसे ही दोनों की नजरें एकदूसरे पर पड़ीं वे हैरान रह गए.
"बिन्नी, तुम?"
"मीकू, वाह, आज तो मेरा लकी डे है, शिकार खुद ही शिकारी के पास चला आया है," बिन्नी ललचाते हुए बोली और मीकू पर झपट पड़ी.
मीकू ने जैसे ही बिन्नी को अपनी तरफ आते देखा तो वह पलट कर भाग गया.
दौड़दौड़ते मीकू और बिन्नी रेसिंग ट्रैक पर पहुंच गए. रेसिंग ट्रैक पर हर्डल रखे हुए थे.
मीकू हर्डल्स के नीचे से भागा, जबकि बिन्नी सारे हर्डल्स फांद कर उस का पीछा कर रही थी.
अचानक जंपी बंदर सामने आ गया. जैसे ही जंपी ने मीकू और बिन्नी को फुलस्पीड में अपनी ओर आते देखा, तो बचने के लिए उस ने ऊंची छलांग लगाई और जंबो के कंधे पर जा बैठा.
जंबो, जो बर्गर खा रहा था, अचानक जंपी के कंधे पर बैठने की वजह से चौंक गया और उस का बर्गर हाथ से छूट गया.
"इस में मेरी कोई गलती नहीं है जंबो, सबकुछ कू और बिन्नी की वजह से हुआ है," जंपी ने कहा तो जंबो ने गुस्से में उस की तरफ देखा.
"इन्होंने मेरा बर्गर गिरा दिया और अब भागे जा रहे हैं. रुको, मुझे इन्हें सबक सिखाने दो."
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बा और बापू
मोहनदास करमचंद गांधी, जिन्हें लोग 'महात्मा' और कुछ प्यार से 'बापू' कहते थे, मेरे परदादा एक असाधारण व्यक्ति थे.
वादा गलत हो गया
‘मैं थक गई हूं, मैं पढ़ना नहीं चाहती,’ सुनैना ने बड़बड़ाते हुए कहा. उस की मां अंजना परेशान दिखीं, लेकिन उन्होंने शांत स्वर में कहा, “अभी तो सिर्फ तीन परीक्षाएं बाकी हैं. हम तुम्हारी परीक्षाओं के बाद सप्ताहांत में तुम्हारी पसंद की जगह छुट्टियां मनाने चलेंगे, मैं वादा करती हूं.”
तिरंगा पुरस्कार
जैसे ही वैली तितली ने टोटो चींटी को अपनी नई साइकिल पर तिरंगा झंडा लहराते हुए देखा, वह उड़ कर उस के पास आई और पूछा, “टोटो, तुम अपनी साइकिल पर तिरंगा झंडा लगा कर कहां जा रही हो?”
हमारा संविधान
26 जनवरी नजदीक आ रही थी और चंपकवन के निवासी गणतंत्र दिवस मनाने की तैयारियों में व्यस्त थे. सबकुछ ठीक चल रहा था, तभी बैडी सियार के नेतृत्व में वनवासियों के एक ग्रुप ने जंगल के लिए अलग संविधान की मांग शुरू कर दी.
सर्प वर्ष
मिनयू अपने स्कूल परिसर में चारों ओर देख रही थी, वह उत्साह से चक्कर खा रही थी. वह लाइब्रेरी, क्लासरूम, जिम, म्यूजिक रूम और आर्ट रूम की ओर भागी, लेकिन कहीं भी किसी प्रकार की साजसजा नहीं थी. आखिर निराश हो कर वह देवदार के पेड़ के पास एक बेंच पर लेट गई.
दो जासूस
एक सुबह, निखिल और अखिल के पापा पार्क में टहलने के बाद उदास हो कर घर लौटे.
बर्फीला रोमांच
\"अरे, सुन, जल्दी से मुझे दूसरा कंबल दे दे. आज बहुत ठंड है,” मीकू चूहे ने अपने रूममेट चीकू खरगोश से कहा.
अलग सोच
\"वह यहां क्या कर रहा है?\" अक्षरा ने तनुषा कुमारी, जबकि वह आधी अधूरी मुद्रा में खड़ी थी या जैसे उन की भरतनाट्यम टीचर गायत्री कहती थीं, अरामंडी में खुद को संतुलित कर रही थी.
दादाजी के जोरदार खर्राटे
मीशा और उस की छोटी बहन ईशा सर्दियों की छुट्टी में अपने दादादादी से मिलने गए थे. उन्होंने दादी को बगीचे में टमाटरों को देखभाल करते हुए देखा. उन के साथ उन की बूढ़ी बिल्ली की भी थी. टमाटरों के पौधों को तैयार करना था ताकि वे अगली गर्मियों में खिलें और फल दें.
कौन कर रहा था, मिस्टर चिल्स से खिलवाड़
वीर और उस के दोस्त अपनी सर्दियों की यात्रा के लिए दिन गिन रहे थे. वे नैनीताल जा रहे थे और बर्फ में खेलने और उस के बाद अंगीठी के पास बैठने का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे. आखिरकार जब वे नैनीताल पहुंचे, तो पहाड़ी शहर उन की कल्पना से भी ज्यादा मनमोहक था. बर्फ से जमीन ढक रखी थी. झील बर्फ की पतली परत से चमक रही थी और हवा में ताजे पाइन की खुशबू आ रही थी. यह एक बर्फीली दुनिया का दृश्य था, जो जीवंत हो उठा था.