उस ने अपने कोर्स की किताब निकाली और पढ़ने लगा, लेकिन उसे पढ़ने में वह बड़ी बोरिंग लगी तो उसने एक कौमिक बुक निकाली.
अचानक उसे मां के आने की आहट सुनाई दी तो उस ने कौमिक बुक छिपा दी और झट से कोर्स वाली किताब हाथ में ले ली. हड़बड़ी में उस ने किताब उलटी पकड़ रखी थी, जिसे कमरे में आने पर मां ने देख लिया था.
"लो, दूध पी लो बेटा, तुम्हारी पढ़ाई कैसी चल रही है?" मां ने पूछा और यश की बहन को कमरे बुलाया.
"यहां आ कर अपने भाई से सीख कि किताब को उलटा कर के कैसे पढ़ा जाता है?" पिया कमरे में आई तो मां ने उससे कहा.
"सौरी मां, गलती से ऐसा हो गया," चोरी पकड़ी गई तो यश ने घबरा कर कहा. इस घबराहट में किताब के अंदर छिपाई कौमिक बुक नीचे गिर गई, यह देख कर उसकी बहन जोर से हंसने लगी.
"मुझे नहीं मालूम था कि कौमिक बुक पढ़ कर भ एग्जाम की तैयारी की जाती है," पिया बोली तो यश झेंप कर रह गया.
"छुटिट्यों के बाद यूनिट टेस्ट अगले सप्ताह शुरू होने वाले थे और यश की कोई तैयारी नहीं थी. उसे इस बात का डर सता रहा था कि अगर वह फेल हो गया तो उसे मां की डांट पड़ेगी.
"अरे, पार्थ, अब तू ही बता मैं क्या करूं? पूरा साल तो बिना पढ़े निकल गया. अब परीक्षा कैसे पास होगी?" यश ने अपने दोस्त से पूछा.
"तू चिंता मत कर, मेरे पास एक योजना है. मेरी पढ़ाई का भी यही हाल है. हम दोनों तिकड़म लगा कर परीक्षा पास करेंगे. इस बार न तो तू और न मैं असफल होंगे," पार्थ बोला और उसे अपनी योजना बताई.
"लेकिन यदि हम कुछ उलटासीधा करते पकड़े गए तो फिर क्या होगा," यश ने अपनी चिंता जताई, लेकिन पार्थ ने इसे हंसी में टाल दिया.
आखिरकार परीक्षा भी नजदीक आ गई. पेपर बांटे जा चुके थे और कुछ छात्रों ने तो पेपर मिलते ही उत्तर पुस्तिकाओं में लिखना भी शुरू कर दिया था.
जब यश और पार्थ ने प्रश्न देखे तो उन्हें कुछ भी समझ नहीं आ रहा था. दोनों एकदूसरे का मुंह ताक रहे थे.
जब पार्थ ने यश को इशारा किया तो वह अपनी सीट से जमीन पर गिर गया.
"अरे, तुझे क्या हुआ?" टीचर उस की तरफ दौड़े.
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