'अब क्या करूं,' सभी पैंसिलें तेज करने के बाद वह बड़बड़ाया. वह अभी भी होमवर्क नहीं करना चाहता था. उसकी बहन एनिशा डौल हाउस में खेल रही थी.
"थोड़ी देर मैं भी खेलूंगा और उस के बाद होमवर्क करूंगा," उदित ने फैसला किया.
"तुम क्या खेल रही हो?" एनिशा के खिलौने की ओर बढ़ते हुए शरारत से उस ने पूछा.
"चायपार्टी," एनिशा ने जवाब दिया. उस ने अपने डौल हाउस को सेट कर लिया था और उस के सारे खिलौने चायपार्टी के लिए इकट्ठे हो गए थे. "सभी खिलौने मेरी गुड़िया के लिए एक सरप्राइज जन्मदिन और राखी पार्टी की भी योजना बना रहे हैं."
उदित ने छोटा खिलौना फर्नीचर और सुंदर चाय के सेट को देखा. एनिशा ने उस के लिए चाय डालने का नाटक किया. उदित ने भी चाय का कप उठाया और गरम चाय पीने का नाटक किया, लेकिन फिर उस ने खिलौने बिखेरे दिए और हंसने लगा, क्योंकि खिलौने लुढ़क कर दूर चले गए. उस ने डौल हाउस देखा, फर्नीचर उठाया और यहांवहां फेंक दिया.
"तूफान आ गया है, अपने खिलौने बचा लो," कह कर वह हंसने लगा.
"तुम ने ऐसा क्यों किया?" एनिशा रोने लगी और उसके बाल खींचने की कोशिश करने लगी.
"यह मजेदार है," उदित हंसा, "तुम्हें भी इस की कोशिश करनी चाहिए," उस के हाथ से गुड़िया छीन कर वह दूर भाग गया.
"बेकार भैया," एनिशा चिल्लाई और तकिया उठा कर उस पर फेंका. उदित ने चकमा दिया और छिपने के लिए बालकनी की ओर भागा. उसे हमेशा एनिशा को चिढ़ाने और परेशान करने में मजा आता था, लेकिन इस बार तो उस ने हद पार कर दी. उसे इस बात का एहसास नहीं था कि जो गुड़िया उस छीनी है वह एनिशा की पसंदीदा गुड़िया थी. उस ने गुड़िया को हवा में लहराया और चिल्लाया, "आओ, अपनी गुड़िया ले जाओ."
जब एनिशा नजदीक आई, तो उस ने गुड़िया को हवा में ऊपर उछाल दिया और हंस पड़ा. जैसे ही गुड़िया हवा में ऊपर से नीचे आई तो उस ने गुड़िया को पकड़ने की कोशिश की, लेकिन वह पकड़ नहीं पाया. गुड़िया रेलिंग से टकराई और तीसरी मंजिल से लुढ़कती हुई ग्राउंड फ्लोर पर आ गई.
"उफ्फ..." उदित ने नीचे देखा, लेकिन वह गुड़िया को देख नहीं सका.
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बर्फीला रोमांच
\"अरे, सुन, जल्दी से मुझे दूसरा कंबल दे दे. आज बहुत ठंड है,” मीकू चूहे ने अपने रूममेट चीकू खरगोश से कहा.
अलग सोच
\"वह यहां क्या कर रहा है?\" अक्षरा ने तनुषा कुमारी, जबकि वह आधी अधूरी मुद्रा में खड़ी थी या जैसे उन की भरतनाट्यम टीचर गायत्री कहती थीं, अरामंडी में खुद को संतुलित कर रही थी.
दादाजी के जोरदार खर्राटे
मीशा और उस की छोटी बहन ईशा सर्दियों की छुट्टी में अपने दादादादी से मिलने गए थे. उन्होंने दादी को बगीचे में टमाटरों को देखभाल करते हुए देखा. उन के साथ उन की बूढ़ी बिल्ली की भी थी. टमाटरों के पौधों को तैयार करना था ताकि वे अगली गर्मियों में खिलें और फल दें.
कौन कर रहा था, मिस्टर चिल्स से खिलवाड़
वीर और उस के दोस्त अपनी सर्दियों की यात्रा के लिए दिन गिन रहे थे. वे नैनीताल जा रहे थे और बर्फ में खेलने और उस के बाद अंगीठी के पास बैठने का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे. आखिरकार जब वे नैनीताल पहुंचे, तो पहाड़ी शहर उन की कल्पना से भी ज्यादा मनमोहक था. बर्फ से जमीन ढक रखी थी. झील बर्फ की पतली परत से चमक रही थी और हवा में ताजे पाइन की खुशबू आ रही थी. यह एक बर्फीली दुनिया का दृश्य था, जो जीवंत हो उठा था.
मेरा संकल्प
जनवरी 2025 का पहला सप्ताह शुरू हो चुका था और 10 वर्षीय रोहन ने कोई संकल्प नहीं लिया था. वह जहां भी गया, स्कूल में, खेल के मैदान में और आसपड़ोस में सब जगह लोग नए साल के संकल्पों के बारे में बात कर रहे थे. रोहन भी एक महत्त्वपूर्ण और सार्थक संकल्प लेना चाहता था, लेकिन वह उलझन में था. वह एक ऐसा संकल्प लेना चाहता था, जो उस के लिए अच्छा हो और जिसे वह पूरे साल आसानी से पूरा कर सके.
सेल्वी का सरप्राइज
'चाय काप्पिई, चाय काप्पिई,' 'इडली वड़े, इडली वड़े,' बेचने वालों की तेज आवाज ने सेल्वी को जगा दिया. सूरज ढल चुका था और उस की ट्रेन अभी अभी तिरुनेलवेली जंक्शन में दाखिल हुई थी.
नौर्थ पोल की सैर
\"अंतरा, तुम कई घंटों से क्रिसमस ट्री सजा रही हो, क्या तुम थकी नहीं,\" मां ने किचन में काम निबटाने के बाद कहा...
जलेबी उत्सव
चंपकवन के राजा शेरसिंह को कार चलाने का बड़ा शौक था. जाड़े की एक शाम को वह अकेले ही लंबी ड्राइव पर निकल पड़ा...
मिशन सांता क्लौज
यह एक ठंडी, बर्फीली रात थी और शिमला की सभी सड़कें रोशनी में जगमगा रही थीं. करण, परी और समीर क्रिसमस मनाने के लिए उत्साहित थे. हर साल की तरह वे क्रिसमस के मौके पर समीर के घर सोने जा रहे थे, लेकिन इस साल उन्होंने क्रिसमस की पूर्व संध्या पर एक अतिरिक्त कार्यक्रम की योजना बनाई थी...
अनोखा क्रिसमस
\"क्या तुम्हें मालूम है कि क्रिसमस आ ही वाला है?\" ब्राउनी सियार ने अपने दोस्त ब्रूटस भेड़िया से झल्लाते हुए पूछा...