श्रद्धा की आंखों पर सूरज की रोशनी पड़ रही थी. वह सो रही थी. रोशनी से उस की नींद में खलल पड़ गई थी. तभी मां सुमन की आवाज सुनाई दी, "बेटी श्रद्धा, उठ भी जाओ. दिन काफी निकल आया है."
“ममा! मैं ने कितनी बार कहा है कि खिड़की मत खोला करो, अभी थोड़ा और सो लेने दो, " श्रद्धा नाराज होती हुई अलसाई आवाज में बोली.
"अब कितना सोएगी. दिन के 11 बजने वाले हैं." सुमन बोलीं.
"...तो क्या हुआ ?" कच्ची नींद में ही करवट बदलती हुई श्रद्धा बोली.
"तुम्हारे मोबाइल में मैसेज पर मैसेज आ रहे हैं. देखो, पता नहीं किस के हैं," मां बोलीं.
“लाओ, इधर दो मोबाइल मैसेज पढ़ा तो नहीं?" श्रद्धा ने मैसेज के बारे में सुनते ही हड़बड़ा कर बैड पर बैठती हुई मां की ओर हाथ फैला दिया.
"यह ले देख ले तू ही, पता नहीं तू कौन कौन सा ऐप चलाती है... बंबल लिखा आ रहा है," मां बोलीं.
"अरे ममा तुम क्या समझोगी बंबल क्या है? यही तो मेरा यार है, मेरा प्यार है." श्रद्धा चहकती हुई बोली.
"यार है, प्यार है, मतलब?" मां आश्चर्य से बोली.
"मतलब यह ममा कि ये न्यू जनेरशन का डेटिंग ऐप है. तुम ने भी तो प्यार के लिए पापा संग डेटिंग की होगी. तब सिक्का डालने वाले फोन से होता था, अब मोबाइल ऐप से जमाना बदल गया है न."
"तू बेशरम होती जा रही है आजकल."
"अच्छाअच्छा, एक कप कौफी तो पिला दो," कहती हुई श्रद्धा मोबाइल के मैसेज पढ़ने लगी.
"... पता नहीं आजकल की लड़कियों को सोशल साइट और ऐप की कैसी बीमारी लग गई है. जब देखो तब इसी में लगी रहती हैं.' बुदबुदाती हुई मां वहां से रसोई में चली गईं.
इधर मैसेज पढ़ रही श्रद्धा का चेहरा चमक उठा. उस ने तुरंत जवाबी मैसेज लिख डाला, "एस, मे बी सम लेट... बाहर ही इंतजार करना."
डेटिंग ऐप बंबल पर आया मैसेज उस के प्रेमी आफताब का था. वह हाल में ही उस के संपर्क में आई थी. श्रद्धा ने उस के फूड ब्लौग से प्रभावित हो कर इसी ऐप के जरिए उस से दोस्ती कर ली थी.
This story is from the December 2022 edition of Manohar Kahaniyan.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber ? Sign In
This story is from the December 2022 edition of Manohar Kahaniyan.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber? Sign In
500 बच्चे बेचने वाला गिरोह
संग्राम दास (38 साल) के बच्चा चोर गैंग में अधिकांश महिलाएं शामिल थीं. यह गैंग देश के अलगअलग क्षेत्रों से करीब 500 बच्चों को चुरा कर जरूरतमंदों को लाखों रुपए में बेच चुका है. आप भी जानें कि गैंग के सदस्य किस तरह बच्चों की सौदेबाजी करते थे?
प्रेमिका की जिद मिली सिर्फ मौत
विवाहित राम सिंह 20 वर्षीय प्रेमिका कमलेश की फरमाइशों से तंग आ चुका था. रोजरोज पैसे, कपडेलत्ते और खरीदारी की मांग से अधिक परेशान वह उस की शादी करने की जिद को ले कर था. इस से छुटकारा पाने के लिए एक दिन उस ने जो किया, उस से वह उलटे मुसीबत में फंस गया. आखिर क्या किया था राम सिंह ने अपनी महबूबा के साथ? उसकी बीवी का क्या हुआ? पढ़ें सब कुछ इस कहानी में....
साले से प्यार पर बहन को मरवाया
मीनू की शादी दमकल विभाग में फायरमैन लल्लू सिंह के साथ कर के परिवार के सब लोग खुश थे. लल्लू सिंह हर तरह से मीनू का खयाल रखता था. इसी बीच एक ऐसी घटना घटी कि मीनू के इकलौते भाई धर्मेंद्र सिंह यादव ने सिर्फ मीनू बल्कि उसके पति और दोनों बच्चों की हत्या कराने के लिए बदमाशों को 10 लाख की सुपारी भी दे दी. आखिर, धर्मेंद्र के दिल में ऐसी कौन सी आग धधक रही थी? पढ़ें, यह दिलचस्प कहानी.
करवाचौथ पर मिली मौत
19 वर्षीय सोनी को बाद में पता चला कि उस के प्रेमी संजू ने हिंदू बन कर उसे फंसाया है और उस का असली नाम संजू नहीं सलीम है, इस के बावजूद भी वह उस से शादी करने को तैयार थी. इस के लिए सलीम भी तैयार हो गया और वह सोनी के घर में ही रहने लगा. फिर करवाचौथ के दिन सोनी और सलीम गायब हो गए. इस के बाद जो घटना घटी, वह....
मां ने कराया बेटेबहू का कत्ल
ललिता देवी ने अपने भाई के सहयोग से अपने बेटे और बहू, जिन की शादी को मात्र 10 महीने ही हुए थे, का कत्ल करा दिया. सगी मां अपनी ही औलाद और नववधू की दुश्मन क्यों बनी? आखिर किस बात का डर था, जो मां ने बेटेबहू को अपने साम गोली मरवा दी. पढ़ें, दिल को दहला देने वाली डबल मर्डर की यह कहानी.
रामनगर बस हादसा 38 की गई जान
सवारियों से खचाखच भरी बस गहरी खाई में गिरी तो यात्रियों की चीखों से घाटी गूंज उठी. इस हादसे में 38 यात्रियों को अपनी जान गंवानी पड़ी और 25 गंभीर रूप से घायल हो गए. आखिर इस हादसे की असली वजह क्या रही?
दिल्ली में शादी लंदन में मर्डर
सबीर ब्रेला ने 24 वर्षीय हर्षिता ब्रेला की शादी लंदन में नौकरी करने वाले पंकज लांबा के साथ यह सोच कर की थी कि विदेश में बेटी खुश रहेगी. पंकज वैसे भी दिल्ली में उन के इलाके का ही रहने वाला था. लेकिन हर्षिता के लंदन, जाने के 8 महीने बाद ही उस की लाश एक कार की डिक्की में मिली. किस ने और क्यों की हर्षिता की हत्या?
27 साल बाद बदले की आग में 5 हत्याएँ
बचपन में जिस विक्की ने अपने मांबाप का खून होते हुए अपनी आंखों से देखा था, उसे वह चाह कर भी भुला नहीं पाया था. उस के अंदर जल रही बदले की आग 27 साल बाद जब ज्वाला बनी तो उस में 5 लोग भस्म हो गए. आखिर कौन थे वो लोग?
मुंह बोले भाई ने किए अनीता के 6 टुकड़े
50 वर्षीय अनीता चौधरी और गुलामुद्दीन फारुखी मुंहबोले भाईबहन थे. अनीता उसे जबतब आर्थिक सहयोग भी करती रहती थी. इतने गहरे संबंध होने के बावजूद गुलामुद्दीन ने अनीता की एक दिन न सिर्फ हत्या कर दी, बल्कि उसकी लाश के 6 टुकड़े कर अपने घर के सामने दफन कर दिए. आखिर उस ने ऐसा क्यों किया?
तांत्रिक के बहकावे में दी बेटी की बलि
मामला मुजफ्फरनगर के भोपा थाना क्षेत्र का है. यहां बेलदा गांव में रहने वाला गोपाल कश्यप और उस की बीवी ममता पर अपनी एक माह की बेटी की बलि देने का आरोप है. पुलिस के अनुसार दोनों ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया है.