ग्रेटर नोएडा में उत्तर प्रदेश की एंटी टेररिस्ट स्क्वाड यानी एटीएस के अधिकारी पिछले 2 दिनों से सीमा से लगातार एक ही जैसे सवाल घुमाफिरा कर पूछ रहे थे. शुरू में 1-2 बार सीमा ने अफसरों के सभी सवालों के जवाब बेबाकी से दिए थे. लेकिन इस के बाद उस के रोनेबिलखने का जो सिलसिला शुरू हुआ तो फिर उस ने एटीएस के अफसरों को भी विचलित कर दिया.
हर सवाल के जवाब में सीमा का अब एक ही जवाब था, "सर, मैं कोई जासूस नहीं हूं, खुदा के लिए आप मेरा यकीन क्यों नहीं करते. मैं ने एक इंसान से प्यार किया है, क्या प्यार करना कोई गुनाह है? क्या 2 मुल्कों की सरहद किसी इंसान से प्यार करने का हक छीन सकती है? सर, आप चाहे तो मुझे यहीं फांसी पर लटका दीजिए, लेकिन अब मैं पाकिस्तान वापस नहीं जाऊंगी. आप लोग भी जानते हैं कि अगर मैं वापस गई तो वे लोग मुझे और मेरे बच्चों को जिंदा नहीं छोड़ेंगे."
खुद एटीएस के एडीजी नवीन अरोड़ा सीमा हैदर से 2 बार पूछताछ कर चुके थे. सीमा के बयान जरूर विरोधाभासी थे, लेकिन अभी तक उन के पास ऐसा कोई पुख्ता सबूत नहीं था जिस के आधार पर वे कह सकें कि सीमा हैदर पाकिस्तानी जासूस है.
"देखो सीमा, ये 2 मुल्कों के बीच कानूनी दांवपेंच का मामला है. तुम बिना वीजा लिए हिंदुस्तान में अपने बच्चों के साथ आई हो, इसलिए तुम को ये मुल्क छोड़ कर जाना ही होगा." जब एटीएस के सब से बड़े अफसर ने सीमा से ये कहा तो वह एक बार फिर फूटफूट कर रोने लगी.
दरअसल, एटीएस के अधिकारियों के कान सीमा हैदर की प्रेम कहानी को कर बुरी तरह पक चुके थे. उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि सीमा हैदर मीरा जैसी कोई पागल प्रेम दीवानी है या वो पाकिस्तान से आया एक खूबसूरत छलावा है, जिसे भारत में तबाही मचाने के लिए भेजा गया है. ये शक जरूर था, लेकिन इस के पीछे कोई पुख्ता सबूत अभी तक किसी के पास नहीं था.
सीमा हैदर अपने जिस प्रेमी सचिन मीना के लिए अपना घरबार, अपना मुल्क पाकिस्तान और शौहर को छोड़ कर 4 बच्चों के साथ भारत आ गई है वो एक ऐसी प्रेम कहानी है, जिस में एक तरफ जहां सरहदों के बंधन का कानून है तो दूसरी तरफ सीमा पर जासूस होने के इलजाम भी.
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