कमजोर नही तुम!
Rupayan|December 01, 2023
किसी को कद को लेकर ताने मिलते तो किसी की कामयाबी में शारीरिक अक्षमता खड़ी थी। लेकिन आगे बढ़ने वाले कब किसी की सुनते हैं। जिंदगी में 'हार' जैसे शब्द उन्हें पसंद नहीं होते। तभी तो वे आसमान में भी छेद करने का हौसला रखते हैं। ऐसी ही कुछ महिलाओं की कहानियां-
प्रभा किरण
कमजोर नही तुम!

उनके मन में विश्वास था दिल में जुनून सवार था और दिमाग में कुछ करने की जिद थी। शारीरिक अक्षमता थी, लेकिन उन्होंने कभी उसे अपनी सफलता के आड़े नहीं आने दिया। उन्होंने जीवन में अपने सपने तो पूरे किए ही, साथ में अन्य दिव्यांगजनों और पूरे समाज के लिए प्रेरणास्रोत भी बनीं। अंतरराष्ट्रीय दिव्यांगता दिवस पर कुछ ऐसी ही महिलाओं की कहानियां, जिन्होंने न केवल खुद के लिए रास्ते बनाए और आत्मनिर्भर बनीं, बल्कि खुद सफल होने के बाद अपनी जैसी लड़कियों के लिए अनोखी पहल भी की।

मीनू रहेजा अधिवक्ता, हिसार

तानों को बनाया ताकत

भारत की सबसे छोटे कद की मीनू रहेजा ने खुद दिव्यांग होने के बावजूद सफलता के परचम लहराए हैं और अब अन्य दिव्यांगजनों की मदद कर उनका जीवन सवार रही हैं। हरियाणा के हिसार में रहने वाली मीनू की लंबाई महज 2 फीट 9 इंच है। वह पेशे से वकील हैं। 2019 में उन्होंने 'रहेजा कृष्णा दिव्यांग' नाम से एनजीओ शुरू किया। इसके तहत वह दिव्यांगों की पढ़ाई के सा उन्हें पेंशन दिलाकर और कानूनी मसलों को हल करती हैं। मीनू को छोटे कद के कारण लोग ताने मारते थे और उन पर हंसते थे। वह बताती हैं, "मां-पापा चाहते थे कि मैं वकील बनूं। जब मैं पहली बार कोर्ट में पहुंची तो मन में एक हिचक थी। इसे दूर करने में उन्होंने मेरी मदद की और मेरा हौसला बढ़ाया।” मीनू को 2019 में इनफिनिटी बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड और एक्सक्लूसिव वर्ल्ड रिकॉर्ड में जगह मिली। उनका नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी दर्ज है।

सविता सिंह सदस्य, दिव्यांग राज्य सलाहकार बोर्ड

खोला दिव्यांग स्कूल

This story is from the December 01, 2023 edition of Rupayan.

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11 धार्मिक कॉरीडोर का नगर प्रयागराज
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11 धार्मिक कॉरीडोर का नगर प्रयागराज

सनातन संस्कृति के उद्भव और विकास की साक्षी प्रयागराज नगरी में तीन पवित्र नदियों की संगम स्थली है तो सृष्टि रचना की कामना के साथ पहला यज्ञ भी यहीं हुआ था। यहां शक्तिपीठ है तो अनादिकाल से अक्षयवट भी है। ऐसे ही अगाध आस्था तथा आध्यत्मिक / सांस्कृतिक महत्व के पुरातन स्थलों का राज्य सरकार द्वारा सौंदर्यीकरण कराया गया है। प्रयागराज एक मात्र ऐसा नगर हैं, जहां 11 धार्मिक कॉरीडोर हैं।

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January 24, 2025
डिजिटल महाकुम्भ अनुभव केंद्र
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डिजिटल महाकुम्भ अनुभव केंद्र

डिजिटल महाकुम्भ की परिकल्पना को साकार करते हुए इस बार मेला क्षेत्र के सेक्टर तीन में स्थापित 'डिजिटल महाकुम्भ अनुभव केंद्र' आकर्षण का केंद्र है।

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January 24, 2025
स्वस्थ महाकुम्भ
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स्वस्थ महाकुम्भ

कड़ाके की ठंड के बीच महाकुम्भ में संगम स्नान की अभिलाषा रखने वाले प्रयागराज आ रहे श्रद्धालुओं, संत-महात्माओं, कल्पवासियों और पर्यटकों की स्वास्थ्य सुरक्षा के भी इंतजाम किये गए हैं।

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January 24, 2025
सर्वसुविधायुक्त टेंट सिटी
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सर्वसुविधायुक्त टेंट सिटी

ठंड में महाकुम्भ में आने वाले हर किसी व्यक्ति की पहली चिंता आवासीय प्रबंध को लेकर होती थी, लेकिन महाकुम्भ 2025 में हर आय वर्ग के लोगों के रहने, खाने-पीने के सुविधाजनक प्रबंध किए गए हैं।

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January 24, 2025
'सनातन के ध्वजवाहक 'अखाड़ों' की दिव्यता-भव्यता ने किया निहाल'
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'सनातन के ध्वजवाहक 'अखाड़ों' की दिव्यता-भव्यता ने किया निहाल'

मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर सनातन परंपरा का निर्वहन करते हुए अखाड़ों ने संगम में दिव्य अमृत स्नान किया। भाला, त्रिशूल और तलवारों के साथ युद्ध कला का अद्भुत प्रदर्शन करते हुए घोड़े और रथों पर सवार होकर शोभायात्रा के साथ पहुंचे नागा साधु, संतों की दिव्यता और करतब देखकर श्रद्धालु निहाल हो उठे। पावन त्रिवेणी में अठखेलियाँ करते नागा साधुओं को देखते ही बन रहा था।

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January 24, 2025
त्रिवेणी स्नान को उमड़ा जनसमुद्र
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त्रिवेणी स्नान को उमड़ा जनसमुद्र

1.75 करोड़ श्रद्धालुओं ने पौष पूर्णिमा पर संगम स्नान किया| 3.50 करोड़ श्रद्धालुओं ने मकर संक्रांति पर लगाई आस्था की डुबकी

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January 24, 2025
संस्कृतियों का संगम, एकता का महाकुम्भ
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संस्कृतियों का संगम, एकता का महाकुम्भ

मकर संक्रांति पर महाकुम्भ में भारत के हर राज्य के लोगों संगम में अमृत स्नान किया। कई देश के श्रद्धालु भी पहुंचे और जय श्री राम, हर हर गंगे, बम बम भोले के उद्घोष के साथ भारतीय जनमानस के साथ घुल मिल गए।

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January 24, 2025
को कहि सकड़ प्रयाग प्रभाऊ
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को कहि सकड़ प्रयाग प्रभाऊ

गंगा-यमुना एवं सरस्वती के संगम पर विराजित प्रयाग सभ्यता के ऊषाकाल से ही भारतीय संस्कृति का अमर वाहक और आधार स्तम्भ रहा है। यह हमारे राष्ट्र तथा संस्कृति की पहचान, प्रतीक व पुरातन परम्परा का निर्वाहक रहा है।

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January 24, 2025
तकनीक का महाकुम्भ
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तकनीक का महाकुम्भ

इस बार 'डिजिटल महाकुम्भ' के रूप में परिकल्पना की गई है। अब पूरी दुनिया यूपी की डिजिटल और तकनीक आधारित महाकुम्भ-2025 साक्षी बन रही है। मेले की भव्यता को बढ़ाने और वैश्विक स्तर पर इसका प्रचार-प्रसार करने के उद्देश्य से पहली बार प्रदेश सरकार ने पूरे मेले का डिजिटलाइजेशन किया है।

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January 24, 2025
स्वच्छ महाकुम्भ
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स्वच्छ महाकुम्भ

विश्व के सबसे विराट मानव समागम के स्वच्छ और पर्यावरण अनुकूल बनाये रखने के लिए राज्य सरकार द्वारा विशेष प्रबंध किए गए हैं। एक ओर जहां पूरे प्रयागराज नगर में 03 लाख पौधे लगाए गए हैं तो दूसरी ओर मेला परिसर को 'सिंगल यूज प्लास्टिक फ्री रखने का संकल्प है।

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January 24, 2025