जीवन में ऐसा कोई कार्य नहीं है, जो भक्ति और अध्यात्म की शक्ति से पूरा न हो सके। बस, इस शक्ति को जागृत करने की आवश्यकता होती है। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन शास्त्रोक्त विधि-विधान, नियम-संयम द्वारा भक्त, भगवान की ब्रह्मांड में व्याप्त दिव्य शक्तियों के अंश अपनी भक्ति-शक्ति एवं क्षमता के अनुपात में जागृत करते हैं। श्रीकृष्ण का जीवन और उनकी लीलाएं यह संदेश देती हैं कि सच्ची भक्ति और समर्पण से न केवल भगवान को पाया जा सकता है, बल्कि जीवन की अधूरी अभिलाषाओं को भी पूरा किया जा सकता है, फिर चाहे वो संतान प्राप्ति की अभिलाषा हो या धन, वैभव, ऐश्वर्य की प्राप्ति अथवा दुख निवृत्ति । आज के समय में भी देश-विदेश में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर असंख्य भक्तों के मन का उत्साह द्वापर युग की याद दिलाता है।
■ योगमाया है लीला का विस्तार
जन्माष्टमी पर्व भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव तो है ही, साथ में श्रीकृष्ण की माया को विस्तार देने वाली योगमाया का भी प्रादुर्भाव दिवस है, जिनका जन्म बालकृष्ण को कंस के हाथों से के लिए हुआ था । भगवती योगमाया ने कन्या के रूप में उस युग में जन्म लेकर मानव जाति को यह दिव्य संदेश दिया कि कन्या का जन्म बलिदान के लिए नहीं होता जब कंस ने देवकी की आठवीं संतान समझकर योगमाया को उसके पैरों से पकड़कर जमीन पर जोर से पटककर मारना चाहा तो योगमाया ने अट्टहास कर कंस से कहा, "मैं चाहूं तो तुम्हें इसी समय मार सकती हैं, किंतु तुमने मेरे पैर पकड़े हैं और तुम्हारा काल कोई दूसरा है, इस वजह से मैं तुम्हारी जान नहीं ले सकती।” योगमाया कंस के चंगुल से छूटकर अंतर्ध्यान होकर स्वर्ग को जाने से पहले कंस को चेतावनी दे गई थीं कि तुम्हारा का जन्म ले चुका है।
■ दुर्लभ संयोग
This story is from the August 23, 2024 edition of Rupayan.
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11 धार्मिक कॉरीडोर का नगर प्रयागराज
सनातन संस्कृति के उद्भव और विकास की साक्षी प्रयागराज नगरी में तीन पवित्र नदियों की संगम स्थली है तो सृष्टि रचना की कामना के साथ पहला यज्ञ भी यहीं हुआ था। यहां शक्तिपीठ है तो अनादिकाल से अक्षयवट भी है। ऐसे ही अगाध आस्था तथा आध्यत्मिक / सांस्कृतिक महत्व के पुरातन स्थलों का राज्य सरकार द्वारा सौंदर्यीकरण कराया गया है। प्रयागराज एक मात्र ऐसा नगर हैं, जहां 11 धार्मिक कॉरीडोर हैं।
डिजिटल महाकुम्भ अनुभव केंद्र
डिजिटल महाकुम्भ की परिकल्पना को साकार करते हुए इस बार मेला क्षेत्र के सेक्टर तीन में स्थापित 'डिजिटल महाकुम्भ अनुभव केंद्र' आकर्षण का केंद्र है।
स्वस्थ महाकुम्भ
कड़ाके की ठंड के बीच महाकुम्भ में संगम स्नान की अभिलाषा रखने वाले प्रयागराज आ रहे श्रद्धालुओं, संत-महात्माओं, कल्पवासियों और पर्यटकों की स्वास्थ्य सुरक्षा के भी इंतजाम किये गए हैं।
सर्वसुविधायुक्त टेंट सिटी
ठंड में महाकुम्भ में आने वाले हर किसी व्यक्ति की पहली चिंता आवासीय प्रबंध को लेकर होती थी, लेकिन महाकुम्भ 2025 में हर आय वर्ग के लोगों के रहने, खाने-पीने के सुविधाजनक प्रबंध किए गए हैं।
'सनातन के ध्वजवाहक 'अखाड़ों' की दिव्यता-भव्यता ने किया निहाल'
मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर सनातन परंपरा का निर्वहन करते हुए अखाड़ों ने संगम में दिव्य अमृत स्नान किया। भाला, त्रिशूल और तलवारों के साथ युद्ध कला का अद्भुत प्रदर्शन करते हुए घोड़े और रथों पर सवार होकर शोभायात्रा के साथ पहुंचे नागा साधु, संतों की दिव्यता और करतब देखकर श्रद्धालु निहाल हो उठे। पावन त्रिवेणी में अठखेलियाँ करते नागा साधुओं को देखते ही बन रहा था।
त्रिवेणी स्नान को उमड़ा जनसमुद्र
1.75 करोड़ श्रद्धालुओं ने पौष पूर्णिमा पर संगम स्नान किया| 3.50 करोड़ श्रद्धालुओं ने मकर संक्रांति पर लगाई आस्था की डुबकी
संस्कृतियों का संगम, एकता का महाकुम्भ
मकर संक्रांति पर महाकुम्भ में भारत के हर राज्य के लोगों संगम में अमृत स्नान किया। कई देश के श्रद्धालु भी पहुंचे और जय श्री राम, हर हर गंगे, बम बम भोले के उद्घोष के साथ भारतीय जनमानस के साथ घुल मिल गए।
को कहि सकड़ प्रयाग प्रभाऊ
गंगा-यमुना एवं सरस्वती के संगम पर विराजित प्रयाग सभ्यता के ऊषाकाल से ही भारतीय संस्कृति का अमर वाहक और आधार स्तम्भ रहा है। यह हमारे राष्ट्र तथा संस्कृति की पहचान, प्रतीक व पुरातन परम्परा का निर्वाहक रहा है।
तकनीक का महाकुम्भ
इस बार 'डिजिटल महाकुम्भ' के रूप में परिकल्पना की गई है। अब पूरी दुनिया यूपी की डिजिटल और तकनीक आधारित महाकुम्भ-2025 साक्षी बन रही है। मेले की भव्यता को बढ़ाने और वैश्विक स्तर पर इसका प्रचार-प्रसार करने के उद्देश्य से पहली बार प्रदेश सरकार ने पूरे मेले का डिजिटलाइजेशन किया है।
स्वच्छ महाकुम्भ
विश्व के सबसे विराट मानव समागम के स्वच्छ और पर्यावरण अनुकूल बनाये रखने के लिए राज्य सरकार द्वारा विशेष प्रबंध किए गए हैं। एक ओर जहां पूरे प्रयागराज नगर में 03 लाख पौधे लगाए गए हैं तो दूसरी ओर मेला परिसर को 'सिंगल यूज प्लास्टिक फ्री रखने का संकल्प है।