नोज पिन महिलाओं की सुंदरता को बढ़ाने का एक खास आभूषण है। यह न केवल एक ज्वेलरी पीस है, बल्कि सांस्कृतिक और व्यक्तिगत पहचान का प्रतीक भी है। नोज पिन महिलाओं के सौंदर्य को बढ़ाती है। और चेहरे की खूबसूरती को निखारती है। कई संस्कृतियों में नोज पिन पहनना एक परंपरा है। भारत में यह विशेष अवसरों पर पहनी जाती है और शादी जैसे समारोहों में इसकी खासी अहमियत है। आजकल महिलाएं नोज पिन पहनना काफी पसंद कर रही हैं। इसे वे अक्सर अपने आउटफिट के साथ मैच करके पहनती हैं।
■ फ्लॉवर स्टाइल: चेहरे के लुक को बदलने के लिए फ्लॉवर नोज पिन का चयन करना आपके लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है। यकीनन, इस नोज पिन को पहनने से आपके चेहरे की खूबसूरती और अधिक बढ़ जाएगी। यदि आप सिंपल नोज पिन पहनकर बोर हो गई हैं तो इसे जरूर ट्राई करें। मगर ज्यादा बड़ी नोज पिन न खरीदें, क्योंकि बड़ी नोज पिन आपके चेहरे का लुक बिगाड़ सकती है।
This story is from the November 08, 2024 edition of Rupayan.
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परीक्षा का समय आ गया...
परीक्षा की तैयारी करते समय बच्चे कभी बेहद तनाव में नजर आते हैं तो कभी बिल्कुल बेफिक्र। ऐसे में आपको उनका अत्यधिक ध्यान रखना होगा।
वेस्टर्न विंटर ड्रेसेस में आप
वेस्टर्न ड्रेसेस हल्की सर्दी में स्टाइल और आराम का बेहतरीन मिश्रण होती हैं। सर्दी अब कम होने लगी है, इसलिए इस मौसम में आप इन ड्रेसेस को ऑफिस से लेकर पार्टी तक स्टाइल कर सकती हैं।
मामूली नहीं अपेंडिसाइटिस
आप में से अधिकतर महिलाएं पेट दर्द को छोटी परेशानी जानकर नजरअंदाज कर देती हैं, लेकिन जानकारों का कहना कि कई बार यह बड़ी परेशानी का संकेत भी हो सकता है।
सूजी कटोरी इडली सैंडविच और वटी दाल ना भजिया
रूपायन - फूड कॉर्नर - सूजी कटोरी इडली सैंडविच, वटी दाल ना भजिया
अपने-अपने वसंत
यूं तो वसंत महज एक मौसम है, लेकिन यह एक नई शुरुआत का प्रतीक भी है। तो क्यों न हम इस बार वसंत के आगमन को अपने जीवन में नए आरंभ की तरह लें।
मीठे संबंधों का छोटा स्पेस
बहनें आपस में सब शेयर करती हैं, यहां तक कि कमरा भी। आप भी करती होंगी, लेकिन मीठे संबंधों का यह छोटा-सा स्पेस कहीं लड़ाई-झगड़े का अड्डा तो नहीं बन रहा!
लौट चलें सादगा की ओर...
कहते हैं, 'कम इच्छाएं रखना और जो आपके पास है, उससे संतुष्ट रहना जीवन को सरल बनाता है।' बस, इसी सरल जीवन की चाह में लोग अब मिनिमलिस्ट लाइफस्टाइल को अपना रहे हैं।
छठी इंद्री
रामशरण जी को अब सब समझ आ गया था। मंजू जी की छठी इंद्री ने सचमुच किसी अनहोनी को टाल दिया था।
11 धार्मिक कॉरीडोर का नगर प्रयागराज
सनातन संस्कृति के उद्भव और विकास की साक्षी प्रयागराज नगरी में तीन पवित्र नदियों की संगम स्थली है तो सृष्टि रचना की कामना के साथ पहला यज्ञ भी यहीं हुआ था। यहां शक्तिपीठ है तो अनादिकाल से अक्षयवट भी है। ऐसे ही अगाध आस्था तथा आध्यत्मिक / सांस्कृतिक महत्व के पुरातन स्थलों का राज्य सरकार द्वारा सौंदर्यीकरण कराया गया है। प्रयागराज एक मात्र ऐसा नगर हैं, जहां 11 धार्मिक कॉरीडोर हैं।
डिजिटल महाकुम्भ अनुभव केंद्र
डिजिटल महाकुम्भ की परिकल्पना को साकार करते हुए इस बार मेला क्षेत्र के सेक्टर तीन में स्थापित 'डिजिटल महाकुम्भ अनुभव केंद्र' आकर्षण का केंद्र है।