सोशल मीडिया दूसरों के साथ संवाद करने और सूचना प्रसारित करने का एक बहुत ही उपयोगी साधन हो सकता है। फिर भी इसका उपयोग सावधानी से करने की आवश्यकता है। इंटरनेट पर कुछ भी पूर्णतया निजी नहीं होता और एक बार कुछ ऑनलाइन हो गया तो इसके प्रसार को नियंत्रित करना कठिन होता है। यह मान लेना सबसे बड़े साइबर जोखिमों में से एक है कि साइबर अपराध है ही नहीं। उनसे डरने या उन्हें अनदेखा करने के बजाय हमें हमलों के प्रति अपनी साइबर प्रतिरोध क्षमता सुनिश्चित करनी चाहिए। ऐसी मानसिकता कि आप सब कुछ जानते हैं, संभवतः यही बताती है कि सुरक्षा के क्षेत्र को आप संभवतः अच्छी तरह नहीं जानते हैं।
रोकथाम साइबर सुरक्षा की दिशा में पहला कदम है। ऐसी सलाह दी जाती है कि डेटा की सुरक्षा के लिए आपको मजबूत एन्क्रिप्शन का उपयोग करना चाहिए और प्रतियों को ऑफ-साइट स्टोर करना चाहिए। इंटरनेट का उपयोग करते समय, अवांछित इ-मेल प्रस्तावों से सावधान रहना और अजनबियों से अटैचमेंट स्वीकार करने से परहेज करना बुद्धिमानी होगी।
व्यक्तियों या संगठनों की केवल दो श्रेणियाँ होती हैं - वे, जो पहले से ही जानते हैं कि उन्हें हैक कर लिया गया है और दूसरे वे, जिन्हें इसकी जानकारी नहीं होती। खतरे यह बताते हैं कि सुरक्षा में कमी है। अधिकांश साइबर खतरे हमारी गलतियों का परिणाम होते हैं। निरंतर साइबर प्रतिरोध के लिए डिजिटल और व्यवहार संबंधी कमियों की स्पष्ट समझ आवश्यक है। सुरक्षा एक ऐसा कौशल है, जिसमें सक्षम व्यक्तियों को दक्ष होना चाहिए और यह कोई ऐसी चीज नहीं है, जिसे खरीदा जा सके।
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इज़रायल-फ़िलिस्तीन संघर्ष और उसकी जटिल सामाजिक-मानवीय परिणतियों का गहन अध्ययन
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