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सद्गुरु के समान कोई नहीं
गुरु की वाणी से, गरु के आचरण से भगवान ही तो बोलता है, भगवान ही तो चलता है। ऐसा कोई संत मिल जाए तो फिर प्रभु मिलें या न मिले, वो चिंता छोड़ दो।
मौसमी एलर्जी को कहें अलविदा
सर्दियों के मौसम में कई लोग एलर्जी के शिकार हो जाते हैं । सर्द हवाओं के कारण कई बार छींक, बंद नाक की समस्या होने लगती है । ऐसे में कुछ सावधानियां और अपना खान-पान बदलकर आप एलर्जी से बच सकते हैं ।
मेवों में छिपा है सेहत का राज
सर्दियों के आते ही खांसी, जुकाम, बुखार जैसी छोटी-मोटी बीमारियां परेशान कर देती हैं। महज गरम कपड़े पहनना और चाय-कॉफी पीना ही पर्याप्त नहीं होता। सर्दियों में सूखे मेवे आपको फ्लू, सर्दी, कफ आदि कई रोगों से बचाते हैं और रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित करते हैं। जानें सेहत से जुड़े इनके लाभ इस लेख से।
भारतीय संस्कृति के कई रंग दिखती मकर संक्रांति
सूर्य का मकर राशि में प्रवेश मकर संक्रांति के रूप में पूरे भारत में मनाया जाता है। इस दिन स्नान, दान और सूर्य की उपासना का विशेष महत्त्व है। सूर्य ऊर्जा और ओजस्विता का प्रतीक माना जाता है।
फटी एड़ियों से निजात दिलाए कुछ घरेलू उपाय
सर्दियों की सूखी हवा, अनियमित खानपान, विटामिन, कैल्सियम और आयरन की कमी से अकसर पैरों की एड़ियां फट जाती हैं । ऐसे में अगर सही से देखभाल नहीं की जाए तो, धीरे धीरे एड़ियों में दरारें आने लगती हैं । यदि आप भी इस समस्या से ग्रस्त हैं तो जानें इस लेख से इनकी देख-भाल के उपाय ।
प्रकृति के बैंक में करें निवेश
हम जो कुछ भी विकास या समृद्धि जुटाने के लिए करते हैं, उसकी कीमत प्रकृति को चुकानी पड़ती है। हम आज जिसे वैभव मान रहे हैं, वे प्रकृति से लिया हुआ सीधा बड़ा कर्ज है, जिसे हम सदियों से चुकाने से कतरा रहे हैं । जीवन के लिए जल, वायु और पृथ्वी के तत्त्व ही सबसे महत्त्वपूर्ण हैं । समस्त प्राणियों का पहला कर्तव्य व धर्म हवा, पानी मिट्टी, अग्नि और सूर्य के प्रति है, क्योंकि पूरे भूमंडल की सभी गतिविधियां इन्हीं के चारों तरफ घूमती हैं ।
पोंगल: एक कृषि उत्सव
धर्म में परमेश्वर से लेकर प्रकृति और प्रकृति से । लेकर पशुओं तक को पूजनीय माना जाता है और इसी संस्कृति एवं परंपरा का एक रूप है प्रसिद्ध उत्सव पोंगल ।
धर्म और ईश्वर
स्वामी विवेकानन्द-यदि ईश्वर है तो हमें उसे देखना चाहिए, यदि आत्मा है तो हमें उसकी प्रत्यक्ष अनुभूति कर लेनी चाहिए, अन्यथा उन पर विश्वास न करना ही अच्छा है। टोंगी बनने की अपेक्षा स्पष्ट रूप से नास्तिक बनना अधिक अच्छा है।
तुम विधायक धर्म को अपनाओ
नकारात्मक धर्म का अर्थ होता है, संसार गलत है, इसे छोड़ो । विधायक धर्म का अर्थ होता है, परमात्मा सही है, उसे पाओ । नकारात्मक धर्म का अर्थ होता है, यह छोड़ो, वह छोड़ो, यह त्यागो, वह त्यागो । विधायक धर्म का अर्थ होता है, हाथ फैलाओ, हृदय खोलो, रोशनी से भरो, परमात्मा का धन बरस रहा है, तुम वंचित न रह जाओ, द्वार दरवाजा खोलो, उसे भीतर आने दो, अतिथि द्वार पर दस्तक दे रहा है ।
जीवन में सुख के साथ दुःख भी जरूरी
हम इतने बेईमान लोग हैं कि हमें आना तो याद रहता है लेकिन जाना भूल जाते हैं । दिन का निकलना याद रहा पर सूरज का ढलना भूल गए ।' मौत को भूलिए मत और जो मिला है उसे पाकर फूलिए मत' मेरा कहा मानो तो बस इतना ही याद रखना है' जो चला गया उसके लिए मत सोचो ।
जागरुक बनो, कर्म करो
आज दो तरह के योग किए जा रहे हैं-एक क्षीण होने के लिए | दूसरा तीव्र होने के लिए । सामाजिक स्तर पर तीव्र बनाने वाले को अधिक स्वीकार किया जाता है, मगर इससे कोई फर्क नहीं पड़ता । कोई तुम्हारे बारे में क्या सोचता है
गांधी के सपनों का भारत
30 जनवरी, 1948 को सत्य एवं अहिंसा के पुजारी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी । किंतु उन्होंने भारत के भविष्य के लिए क्या सोचा था, जानें उनकी पुस्तक' मेरे सपनों का भारत के एक अंश से ।
क्यों नहीं बचते बाल?
सर्दियों का मौसम त्वचा के साथ-साथ बालों की भी प्राकृतिक खूबसूरती छीन लेता है। यदि आप भी बालों की समस्याओं से परेशान हैं तो हम आपके लिए कुछ आसान सुझाव लेकर आए हैं।
कुदरत की नियामत है 'आंवला'
सर्दियों के मौसम में जुकाम, खांसी, जोड़ों में दर्द जैसी कई समस्याओं से जूझना पड़ता है । शरीर कमजोर होने लगता है । ऐसे में अगर आंवले का सेवन करते हैं तो आपके शरीर की प्रतिरोधी क्षमता बढ़ती है और आप इन छोटी-मोटी बीमारियों से आसानी से पार पा सकते हैं । जानें इस लेख से ।
एकांत ही ईश्वरानुभूति का मूल्य है
आपके लिए यह मेरे हृदय का संदेश है । इस पर अच्छी तरह से ध्यान दें । इसे पढ़ें और आंतरिक रूप से आत्मसात कर लें, और उन सत्यों को अभ्यास में लाएं जिन्हें ईश्वर ने मेरे द्वारा व्यक्त किया है।
ऊनी कपड़ों का हो रखरखांव, तो जरा संभलकर
सर्दियों का मौसम आता नहीं कि स्वेटर, शॉल और बाकी ऊनी कपड़े धीरे-धीरे हमारे सूटकेस से बाहर आने लगते हैं । ऊनी कपड़े महंगे हो या सस्ते उनका रखररवाव बेहद जरूरी है । तभी तो वे सालोंसाल हमें ठंड से बचा सकते हैं ।
'संत और सिपाही' गुरु गोबिंद सिंह
सिखों के दसवें एवं अंतिम गुरु गुरु गोबिंद सिंह की जयंती हर्षोल्लास के साथ पूरे भारत में मनाई जाती है । बिहार के पटना साहिब में जन्में गुरु गोबिंद सिंह की स्मृति में यहां एक भव्य गुरुद्वारा भी स्थापित है, जहां सभी धर्मों के लोग दर्शन के लिए आते हैं ।