समस्याओं के निवारण के लिए अक्सर लोग पेड़ों की पूजा करते हैं। धार्मिक मान्यताओं में पेड़ो का खास महत्त्व है। अच्छे से लेकर बुरे हालातों में इनका महत्त्व रहता है। ये मान्यताएं कोरी नहीं हैं, हिंदू की मान्यताओं में अक्सर वैज्ञानिक कनेक्शन पाया जाता है। धार्मिक आस्था से जिन पेड़ों को पूजा जाता है वो सबसे ज्यादा ऑक्सीजन देने वाले पेड़ हैं। इतना ही नहीं इनका चिकित्सा विज्ञान में भी विशेष महत्त्व है।
पीपल का पेड़
पीपल के पेड़ को वृक्षों का राजा माना गया है। इस पर लोगों की विशेष धार्मिक आस्था होती है। इस पेड़ की पूजा लोग खास तौर पर अपने कष्टों के निवारण के लिए करते हैं। धार्मिक मान्यता है कि इस वृक्ष में यम का वास होता है। इसलिए उत्पत्ति के कामों में इसकी पूजा नहीं होती। वैदिक युग में पीपल को अश्वत्था के नाम से पुकारा जाता था। पुराणों में इसे कल्प वृक्ष भी कहा गया है। अथर्ववेद में वर्णित है कि ये वृक्ष शत्रुओं का नाश करता है वहीं स्कंद पुराण में बताया गया है कि पीपल की पूजा करने से भी प्रकार के दूर्भाग्य दूर हो जाते हैं। पीपल से संबन्धित कुछ अन्य मान्यताएं भी प्रचलित हैं। कुछ लोगों का मानना है कि यहां माता लक्ष्मी हर शनिवार वास करती हैं। सीता जी को ढूंढते हुए हनुमान जी ने इसी वृक्ष में विश्राम किया था।
वैज्ञानिक महत्त्व: आयुर्वेदिक उपचार में पीपल का खास महत्त्व है। इसका इस्तेमाल संक्रमण दूर करने, प्रजनन क्षमता बढ़ाने और विषाक्त दूर करने के लिए किया जाता है। उपचार के लिए इसकी पत्ती, बीज और फल काम में आते हैं। पीपल से अस्थमा, रक्त संबन्धी समस्याएं, किडनी की समस्याओं का इलाज भी किया जाता है।
बरगद का पेड़
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तुलसी से दूर करें वास्तुदोष
हिन्दू धर्म में तुलसी का पौधा हर घर-आंगन की शोभा है। तुलसी सिर्फ हमारे घर की शोभा ही नहीं बल्कि शुभ फलदायी भी है। कैसे, जानें इस लेख से।
क्यों हुआ तुलसी का विवाह?
कार्तिक शुक्ल एकादशी को तुलसी पूजन का उत्सव वैसे तो पूरे भारत में मनाया जाता है, किंतु उत्तर भारत में इसका कुछ ज्यादा ही महत्त्व है। नवमी, दशमी व एकादशी को व्रत एवं पूजन कर अगले दिन तुलसी का पौधा किसी ब्राह्मण को देना बड़ा ही शुभ माना जाता है।
बड़ी अनोखी है कार्तिक स्नान की महिमा
हिन्दू धर्म में पूर्णिमा का महत्त्वपूर्ण स्थान है। बारह पूर्णिमाओं में कार्तिक पूर्णिमा का महत्त्व सर्वाधिक है। मान्यता है कि इस दिन गंगा स्नान करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है।
सिर्फ एक ही ईश्वर है और उसका नाम हैं सत्यः नानक
सिरवों के प्रथम गुरु थे नानक | अंधविश्वास एवं आडंबरों के विरोधी गुरुनानक का प्रकाश उत्सव अर्थात् उनका जन्मदिन कार्तिक पूर्णिमा को मनाया जाता है। गुरु नानक का मानना था कि ईश्वर कण-कण में व्याप्त है। संपूर्ण विश्व उन्हें सांप्रदायिक एकता, शांति एवं सद्भाव के लिए स्मरण करता है।
सूर्योपासना एवं श्रद्धा के चार दिन
भगवान सूर्य को समर्पित है आस्था का महापर्व छठ । ऐसी मान्यता है कि इस पर्व को करने से सूर्य देवता मनोकामना पूर्ण करते हैं। कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी को यह पर्व मनाया जाता है, जिस कारण इस पर्व का नाम छठ पड़ा। जानें इस लेख से छठ पर्व की महत्ता।
एक समाज, एक निष्ठा एवं श्रद्धा की छटा का पर्व 'छठ'
छठ की दिनोंदिन बढ़ती आस्था और लोकप्रियता इस बात का प्रमाण है कि कुछ तो विशेष है इस पर्व में जो सबको अपनी ओर खींच लेता है। पूजा के दौरान अपने लोकगीतों को गाते हुए, जमीन से जुड़ी परम्पराओं को निभाते हुए हर वर्ग भेद मिट जाता है। सबका एक साथ आकर बिना किसी भेदभाव के ईश्वर का ध्यान करना... यही तो भारतीय संस्कृति है, और इसीलिए छठ है भारतीय संस्कृति का प्रतीक।
जानें किड्स की वर्चुअल दुनिया
सोशल नेटवर्किंग साइट्स के जाल में सिर्फ बड़े ही नहीं बच्चे भी फंसते जा रहे हैं, जिसका परिणाम यह है कि बच्चे धीरे-धीरे वर्चुअल दुनिया में ज़्यादा व्यस्त रहने की वजह से वास्तविक दुनिया से दूर होते जा रहे हैं।
सेहत के साथ लें स्वाद का लुत्फ
अच्छे खाने का शौकीन भला कौन नहीं होता है। खाना अगर स्वाद के साथ सेहतमंद भी हो तो बात ही क्या है। सवाल ये उठता है कि अपनी पसंदीदा खाद्य सामग्रियों का सेवन करके फिट कैसे रहा जाए?
लंबी सीटिंग से सेहत को खतरा
लगातार बैठना आज वजह बन रहा कई स्वास्थ्य समस्याओं की। इन्हें नज़र अंदाज करना खतरनाक हो सकता है। जानिए कुछ ऐसे ही परिणामों के बारे में-
योगा सीखो सिखाओ और बन जाओ लखपति
हमारे पास पैसे नहीं और ललक है लखपति बनने की, ऐसी चाह वाले व्यक्ति को हरदम लगेगा कि कैसे हम बनेंगे पैसे वाले। किंतु यकीन मानिए कि आप निश्चित रूप से लखपति बन सकते हैं केवल योगा का प्रशिक्षण लेकर और योगा सिखाने से ही।