उज्ज्वल निर्मल रतन
Aha Zindagi|December 2024
रतन टाटा देशवासियों के लिए क्या थे इसकी एक झलक मिली सोशल मीडिया पर, जब अक्टूबर में उनके निधन के बाद हर ख़ास और आम उन्हें बराबर आत्मीयता से याद कर रहा था। रतन किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं और महज़ दो माह पहले ही उनके बारे में काफ़ी कुछ लिखा भी गया। बावजूद इसके बहुत कुछ लिखा जाना रह गया, और जो लिखा गया वह भी बार-बार पढ़ने योग्य है। इसलिए उनके जयंती माह में पढ़िए उनकी ज़िंदगी की प्रेरक किताब। रतन टाटा के समूचे जीवन को चार मूल्यवान शब्दों की कहानी में पिरो सकते हैं: परिवार, पुरुषार्थ, प्यार और प्रेरणा। उन्हें नमन करते हुए, आइए, उनकी बड़ी-सी ज़िंदगी को इस छोटी-सी किताब में गुनते हैं।
कमलेश माहेश्वरी
उज्ज्वल निर्मल रतन

सोने जैसे कुनबे के तीन रतनों में एक

देश के प्रतिष्ठित, भरोसेमंद टाटा समूह की विरासत संभालने वाले रतन टाटा पारिवारिक संस्कारों और नवाचारी विचारों के बल पर सुयोग्य उत्तराधिकारी सिद्ध हुए।

28 दिसंबर 1937 को नवल और सूनू टाटा के घर जन्मे रतन टाटा समूह की स्थापना करने वाले जमशेतजी टाटा के परपोते थे। रतन 10 साल के थे, तभी उनके माता-पिता अलग हो गए। उस समय रतन के छोटे भाई जिमी महज पांच बरस के थे। ऐसे मौक़े पर इस प्रतिष्ठित पारसी परिवार को थामने के लिए खुलकर सामने आई दादी नवाजबाई, जिन्हें पति के नाम पर 'लेडी रतन टाटा' भी कहा जाता है। नवाजबाई एक सख्त अनुशासनप्रिय महिला थीं। उन्होंने अपना बचपन इंग्लैंड और बाद में फ्रांस में बिताया था। उन्होंने अपने घर टाटा पैलेस में उच्च मानक स्थापित किए थे। दादी की यादों में खोते हुए रतन टाटा ने एक बार कहा था कि वे कमाल की महिला थीं। उनके पास इंग्लैंड और भारत में निवास के अनुभवों का अकूत ख़ज़ाना था। मैंने उन्हीं से सम्मान के साथ जीने, वादे निभाने और विश्वसनीय बनने का सबक सीखा।' माता-पिता के तलाक़ के 10 साल बाद जब रतन 18 साल के थे, उनके पिता ने सिमोन से दूसरी शादी की। इस दंपती की संतान है, नोएल टाटा यानी रतन के सौतेले भाई। रतन टाटा की सगी मां ने भी सर जमशेतजी जीजीभोय से पुनर्विवाह कर लिया। दादी की तरह मां से भी रतन टाटा ख़ूब प्यार करते थे। उन्होंने कहा है कि वे मेरी मां से ज़्यादा मित्र थीं। है कि मां को कैंसर हुआ तो रतन टाटा ने न्यूयॉर्क में उनके उपचार के समय उनकी ख़ूब सेवा की।

दादी ने सिखाया हिम्मत का सलीक़ा

This story is from the December 2024 edition of Aha Zindagi.

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सबके शंकर...
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उन्हें भारत में राजनीतिक कार्टूनिंग का जनक माना जाता है। उनकी धारदार रेखाओं से देसी-विदेशी कोई भी राजनेता नहीं बचा। नेहरू से लेकर अन्य कई बड़े नेता उनके प्रिय मित्रों में थे, लेकिन राजनीति में जाने के बजाय उन्होंने दुनियाभर के बच्चों के लिए कुछ विशेष करने का जुनून चुना। उम्र के जिस पड़ाव पर उन्होंने बच्चों के लिए चित्रकला, लेखन, नृत्य, संगीत की अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाएं, चिल्ड्रन बुक ट्रस्ट, इंटरनेशनल डॉल म्यूज़ियम जैसी अनेक परियोजनाओं को अकेले अपने दम पर पूरा किया, तब अक्सर लोग नाती-पोतों के साथ आराम से दिन गुज़ारना चाहते हैं। एक व्यक्ति नहीं संस्था के रूप में वृद्धों और युवाओं में समान रूप से लोकप्रिय और दुनियाभर के बच्चों के लिए 'पाइड पाइपर' कहलाने वाले शंकर ही इस बार ज़िंदगी की किताब के हमारे हीरो हैं....

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January 2025
आम वाला ख़ास शहर
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समुद्र की अनंत गहराइयों से लेकर नारियल के पेड़ों और आम के बाग़ों तक, रत्नागिरी एक ऐसी भूमि है जो अपने विविधतापूर्ण सौंदर्य में मानो एक पूरा विश्व समेटे हुए है। महाराष्ट्र के पश्चिमी तट पर बसा यह शहर प्राकृतिक सुंदरता, ऐतिहासिक गौरव और सांस्कृतिक समृद्धि का एक अद्भुत संगम है।

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January 2025
सेब क्या है?
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सेब क्या है?

इसका सीधा जवाब होगा कि सेब एक फल है। लेकिन जवाब इतना सीधा-सरल होता तो ऐसा पूछा ही क्यों जाता?

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January 2025
एक तीर ने बदल दी हिंदुस्तान की तक़दीर
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राहुल सांकृत्यायन ने जिस अकबर के बारे में कहा कि अशोक और गांधी के बीच में उनकी जोड़ी का एक ही पुरुष हमारे देश में पैदा हुआ....जिस अकबर ने बहुरंगी महादेश में समन्वय को अहम अस्त्र बनाकर आधी सदी तक राज किया....उसके गद्दीनशीन होने के दो प्रसंग बताते हैं कि सद्भावना और साहस के साथ संयोग ने भी उसकी क़िस्मत लिखी, और हिंदुस्तान की भी....

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January 2025
नए ज़माने का जरूरी व्रत
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व्रत-उपवास न सिर्फ़ संयम सिखाते हैं, बल्कि शारीरिक और मानसिक लाभ भी प्रदान करते हैं। नए ज़माने की डिजिटल फास्टिंग में भी ये सारे लाभ समाए हैं। अब बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, सभी के लिए स्क्रीन उपवास अनिवार्य हो गया है।

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January 2025
पापा हीरो बेटी परी
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पापा हीरो बेटी परी

हर बेटी के लिए पिता उसका पहला हीरो होता है और हर पिता के लिए उसकी बेटी परी। बाप-बेटी के रिश्ते में प्यार-दुलार, संरक्षण, मार्गदर्शन के साथ प्रतिबंध, सख़्ती और एक डर का भाव भी बना रहता है। ज़िद पूरी होती है तो अनुशासन की अपेक्षा भी रहती है। बदलते दौर में इस रिश्ते के ताने-बाने भी बदल रहे हैं, पर नहीं बदली हैं तो पिता-पुत्री की एक-दूसरे के लिए भावनाएं।

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January 2025
आज सबसे अच्छा दिन है
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आज सबसे अच्छा दिन है

नववर्ष और उससे संबंधित संकल्प, दोनों ही पश्चिम की परंपराएं हैं। अक्सर ये संकल्प रस्मी तौर पर लिए जाते हैं और जल्द ही भुला दिए जाते हैं। ऐसे में भारतीय परंपरा संकल्पों को साकार करने में सहायक होगी।

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January 2025
सूर्य के नाना रूप सिखाते हैं
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सूर्य के नाना रूप सिखाते हैं

उदय से अस्त तक सूर्य अपने बदलते रूपों से सिखाता है कि जीवन भी परिवर्तनशील है, प्रतिपल नवीन है। संसार में सम्मान उसी को मिलता है जो इस निरंतर नवीनता को सहज स्वीकारते हुए सक्रिय रहता है। दुनिया को सूर्य की भांति ही ऐसे व्यक्ति के आगमन की भी प्रतीक्षा होती है।

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January 2025
एक नया मनुष्य
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एक नया मनुष्य

कैलेंडर बदल गया, एक नई तारीख़ आ गई। लेकिन मनुष्य तो वही पुराना रहा। पुरानेपन के साथ वह नए का आनंद कहां ले पाएगा, उसे समझ तक नहीं पाएगा। अगर मानव वास्तव में नया हो जाए तो उसके लिए हर दिन नववर्ष की तरह होगा, वह जीवन के हर पल में प्रसन्न रहेगा। लेकिन कैसे...?

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January 2025
नित नूतन जीवन
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नित नूतन जीवन

नया साल, नई उम्मीदें, नई शुरुआत। नवीनता सिर्फ़ एक शब्द नहीं, बल्कि जीवन का सार है और सूत्र भी। हमारा शरीर हर पल बदलता है, हर क्षण लाखों कोशिकाएं जन्म लेती हैं और मरती हैं। हर सांस हमें एक नए अनुभव से जोड़ती है। जैसे नदी का पानी कभी स्थिर नहीं रहता, वैसे ही हमारी सोच, वातावरण और परिस्थितियां भी बदलती रहती हैं। इस नववर्ष पर आइए, नएपन को गले लगाएं।

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January 2025