हाल ही में फिल्म '12वीं फेल' की सक्सेस एंजॉय कर रहे विक्रांत मैसी ने एक इंटरव्यू दिया जो सोशल मीडिया पर विवाद का मुद्दा बन गया है. सोशल मीडिया में लोग उन्हें इस इंटरव्यू के बाद ट्रोल कर रहे हैं. विवाद यह है कि उन्होंने इंटरव्यू में बताया था कि वे एक मल्टीकलचरल फैमिली से आते हैं जहां अलगअलग धर्मों के लोग एकसाथ रहते हैं. लेकिन संकुचित मानसिकता से ग्रसित लोग उन्हें इसी बात पर ट्रोल करने लगे. इन भगवाधारी ट्रोलर्स का कहना है कि उन की फैमिली में डिफरैंट क्लचर के लोग क्यों है? उन के भाई ने इसलाम धर्म को क्यों अपनाया?
ट्रोलर्स ने विक्रांत को ट्रोल करने के लिए उनका 2018 का एक ट्वीट वायरल किया. इस ट्वीट में विक्रांत ने कठुआ रेप के मामले पर रामसीता का एक सोशल पौलिटिकल कार्टून शेयर किया था. दरअसल कठुआ में अल्पसंख्यक घुमंतू समुदाय की एक 8 साल की मासूम बच्ची को अगवा कर मंदिर में बंधक बना कर सामूहिक बलात्कार किया गया और उस के बाद उस की हत्या कर दी गई थी. इस बर्बरता में मंदिर के संरक्षक और 2 पुलिसकर्मी समेत 8 लोगों पर आरोप लगे थे. विक्रांत ने इसी बच्ची के समर्थन में वह ट्वीट किया था.
ट्वीट पर ट्रोलिंग के बाद विक्रांत ने एक ट्वीट किया और उस में लिखा, "2018 के अपने एक ट्वीट के बारे में मैं कुछ शब्द कहना चाहता हूं, मेरी मंशा कभी हर्ट करने, इमेज खराब करने या हिंदू कम्युनिटी का अपमान करने की नहीं थी, लेकिन मुझे मजाक में किए इस ट्वीट का दूर का अर्थ और मंतव्य बाद में समझ आया.
"यही बात कार्टून के बिना भी कही जा सकती थी जो कि न्यूजपेपर में छपा था. जो लोग भी इस से हर्ट हुए उन सभी लोगों से मैं विनम्रता के साथ माफी मांगना चाहता हूं. जैसा कि आप सभी जानते हैं कि मैं हर मत, आस्था और धर्म को सम्मान के साथ मानने वाला हूं. हम सभी वक्त के साथ समझदार होते हैं और गलतियां सुधारते हैं, वह मेरी गलती थी."
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वायरल रील्स
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सोशल मीडिया में धर्मप्रचारकों के टारगेट में युवतियां
सोशल मीडिया पर धर्मप्रचारकों व कथावाचकों की रील्स खूब ठेली व देखी जाती हैं. इन कथावाचकों की अधिकतर टिप्पणियां युवतियों व महिलाओं पर होती हैं. यह नैतिक शिक्षा के नाम पर समाज को सैकड़ों साल पीछे धकेलने की साजिश है.
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डिजिटलीकरण के दौर में गायब हुए नुक्कड़ नाटक
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