क्यों हाइप पर हैं एंटीएस्टैब्लिशमेंट कंटैंट क्रिएटर्स
Mukta|May 2024
सोशल मीडिया पर सरकार का समर्थन करने वाले क्रिएटर्स से अधिक वे क्रिएटर्स देखे जा रहे हैं जो या तो सरकार की नीति का खुल कर विरोध कर रहे हैं या बैलेंस्ड कंटैंट दे रहे हैं. ध्रुव राठी, रवीश कुमार, आकाश बनर्जी, श्याम मीरा ऐसे तमाम नाम हैं जिन की व्यूअरशिप काफी है.
चंद्रकला
क्यों हाइप पर हैं एंटीएस्टैब्लिशमेंट कंटैंट क्रिएटर्स

फेमस यूट्यूबर व एक्स्प्लैनर ध्रुव राठी के वीडियो 'हाउ मिलियंस औफ इंडियंस वेयर ब्रेनवाश्ड' को 30 अप्रैल को यह रिपोर्ट लिखे जाने तक करीबन 16 मिलियन यानी 1 करोड़ 60 लाख व्यूज मिल चुके हैं. वहीं, पत्रकार रवीश कुमार के लगभग हर वीडियो को शुरुआती दोतीन दिनों में 20 लाख से अधिक व्यूज मिल जाते हैं.

इन दोनों यूट्यूबरों के कंटैंट अकसर सरकारी नीतियों के विरोध में होते हैं. इन के अलावा श्याम मीरा सिंह, कुनाल कामरा, वरुण ग्रोवर जैसे यूट्यूबर भी यही काम कर रहे हैं यानी एंटीएस्टैब्लिशमैंट कंटैंट अपने चैनल पर दे रहे हैं.

इतनी बड़ी संख्या में इंटरनैट पर इन यूट्यूब इन्फ्लुएंसरों को देखा जाना इस बात की तरफ साफ इशारा करता है कि देश का एक बड़ा सैक्शन ऐसा है जो सरकार की नीतियों से खुश नहीं है और चाहता है कि चीजें बदलें. अगर ऐसा नहीं होता तो सरकार खुद अपने खिलाफ इंटरनैट से आ रही आवाज को ऐड्रैस न करती और एक हद तक अपने पक्ष के इन्फ्लुएंसर्स को अवार्ड न बांटती.

नकारे टीवी न्यूज चैनल्स 

टीवी न्यूज चैनल्स आम लोगों की आवाज बिलकुल नहीं उठा रहे हैं. सुबह से शाम तक इन का काम सरकार, खासकर प्रधानमंत्री मोदी के हर सहीगलत फैसले की तारीफ करना रह गया है. सवाल यह कि टीवी से हट कर यही चीज लोग 250 रुपए का इंटरनैट डलवा कर भी क्यों देखें. और टीवी पर सरकार की तारीफों का इतना ओवरलोड है कि लोग भी उकता चुके हैं. यही कारण है कि सोशल मीडिया पर एक बड़ा तबका, खासकर युवा, शिफ्ट हुआ है जो अपनी रोजमर्रा की समस्याओं को देखना/जानना चाहता है.

यूट्यूब इंस्टाग्राम और एक्स (टिवटर) जैसे प्लैटफौर्म अब केवल एंटरटेनमैंट के लिए नहीं रह गए हैं बल्कि राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक गतिविधियों के बारे में गौसिप्स करने के लिए बड़े प्लेटफोर्म भी बन चुके हैं. युवा, खासकर जो आज बेरोजगारी और हताशा की मार झेल रहे हैं, को कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा और सरकार विरोधी कंटैंट देख कर खुद को संतुष्टि दे रहे हैं. वे खुद घबरा रहे हैं सवाल करने से इसलिए ऐसे यूट्यूबरों के बिहाफ पर खुद को संतुष्टि दे रहे हैं कि चलो, कोई तो सवाल कर रहा है.

युवाओं में रोष

This story is from the May 2024 edition of Mukta.

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