भारत की पहली 'हाइब्रिड पिच' बनेगी धर्मशाला
DASTAKTIMES|May 2024
हाइब्रिड पिच में मैदान के अंदर की कुदरती टर्फ यानी मैदान की घास के साथ कुछ फीसदी हिस्सा पोलिमर फाइबर का होता है। इससे पिच टिकाऊ रहती है और इस पर एक जैसा उछाल भी मिलता है। इसमें पोलिमर फाइबर का इस्तेमाल पांच फीसदी ही होता है जिससे पिच के नेचुरल गुण बने रहें। यह आमतौर पर बेज या हरे रंग के होते हैं, इन्हें 20-20 मिमी ग्रेड के नियमित पैटर्नमें 90 मिमी की गहराई तक सिला जाता है।
आस्था श्रीवास्तव
भारत की पहली 'हाइब्रिड पिच' बनेगी धर्मशाला

अगर आप क्रिकेट खेलना पसंद करते हैं या क्रिकेट मैच देखते हैं तो ग्राउंड में पिच के महत्त्व से परिचित होंगे। इसमें बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों पहलू पिच के प्रकार से प्रभावित होते हैं, इसीलिए समय-समय पर स्टेडियम प्रबंधन ग्राउंड की पिच में बदलाव भी करते रहते हैं। भारत की बात करें तो हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (एचपीसीए), क्रिकेट में एडवांस टेक्नोलॉजी को अपनाने में हमेशा से ही आगे रहा है। वहीं अब एचपीसीए स्टेडियम अत्याधुनिक हाइब्रिड पिच स्थापित करने वाला पहला बीसीसीआई मान्यता प्राप्त स्थल बन गया है। एचपीसीए का धर्मशाला स्टेडियम इस सीजन में दो आईपीएल मैचों की मेजबानी करने जा रहा है।

ये दोनों मुकाबले और भविष्य में अंतरराष्ट्रीय मैच अब इस ट्रैक पर ही आयोजित किये जाएंगे। ऐसे में यह हाइब्रिड पिच क्या होती हैं, यह अन्य मैदानों की तुलना में क्यों खास है और इससे खिलाड़ियों को क्या अंतर देखने को मिलेगा, इन महत्त्वपूर्ण विषयों पर चर्चा करते हैं।

This story is from the May 2024 edition of DASTAKTIMES.

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शीतकाल के छह महीने भगवान बदरी विशाल की पूजा चमोली जिले में स्थित योग-ध्यान बदरी मंदिर पांडुकेश्वर व नृसिंह मंदिर जोशीमठ, बाबा केदार की पूजा रुद्रप्रयाग जिले में स्थित ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ और मां गंगा व देवी यमुना की पूजा क्रमशः उत्तरकाशी जिले में स्थित गंगा मंदिर मुखवा (मुखीमट) और यमुना मंदिर खरसाली (खुशीमठ) में होती है।

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कैसे अमेरिकी जासूसों की चीफ बनी - प्रिंसेज ऑफ द आरएसएस
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कैसे अमेरिकी जासूसों की चीफ बनी - प्रिंसेज ऑफ द आरएसएस

बहुत जल्द अमेरिका की राष्ट्रीय खुफिया एजेंसियों की कमान नवनियुक्त निदेशक तुलसी गबाई के हाथ में होगी। अमेरिका की पहली हिंदू सांसद तुलसी का आरएसएस और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से पुराना रिश्ता रहा है। संघ परिवार से जुड़े भारतीय मूल के अमेरिकी हिंदू नागरिक उनके लिए हर चुनाव में लाखों डालर का चंदा जुटाते हैं। आरएसएस के इसी दुलार के कारण अमेरिका में तुलसी 'प्रिंसेज ऑफ द आरएसएस' के नाम से चर्चित हैं। पहले तुलसी का डेमोक्रेटिक पार्टी छोड़ना फिर अचानक डोनाल्ड ट्रम्प को समर्थन देना और फिर रिपब्लिकन पार्टी का दामन थामकर इस मुकाम तक पहुंचना हॉलीबुड के किसी हाई प्रोफाइल पॉलिटिकल ड्रामे से कम नहीं। भारतीय मामलों में अमेरिकी खुफिया एजेंसियों की बेवजह 'अति सक्रिय' होने के बाद अचानक खुफिया एजेंसियों की कमान तुलसी गबार्ड को दिए जाने को भारत के कूटनीतिक दांव के रूप में देखा जा रहा है।

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प्रदूषण से सांसत में जान
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दिल्ली राजधानी क्षेत्र में आजकल हवा में पीएम 10 का स्तर 318 और पीएम 2.5 का स्तर 177 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से ज्यादा है जिसके फिलहाल कम होने की उम्मीद बेमानी है। जबकि स्वास्थ्य की दृष्टि से पीएम 10 का स्तर 100 से कम और पीएम 2.5 का स्तर 60 से कम ही उचित माना जाता है। खतरनाक स्थिति यह है कि दिल्ली के आसमान पर अब धुंध की परत साफ दिखाई दे रही है।

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पीके अपनी पार्टी की रणनीति में हुए फेल
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पीके के नाम से मशहूर प्रशांत किशोर ने जनसुराज पार्टी बनाने के करीब 40 दिन बाद अपने प्रत्याशियों को चुनाव लड़ाया। प्रत्याशियों का चयन बहुत सोच-समझ किया गया। पीके की ओर से जीत के दावे भी थे, लेकिन वह परिणाम के रूप में सामने नहीं आ सके। हालांकि, पीके इस बात से थोड़े खुश जरूर होंगे कि तीन सीटों पर जनसुराज के प्रत्याशी तीसरे स्थान पर रहे।

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