- कुल मुकदमे 11
- उम्र 20 साल
- अंत गैंग वॉर में मारा गया
"मैंदुर्लभ कश्यप की तरह मशहूर होना चाहता था..." 19 साल के शिव प्रसाद धुर्वे ने पुलिस पूछताछ के दौरान जब यह बात कही तो कई पुलिस अधिकारी भी चौंक गए. 19 साल के इस नौजवान ने मशहूर होने के लिए चार सिलसिलेवार हत्याओं को अंजाम दिया. 60 साल के शंभूनारायण दुबे धुर्वे के पहले शिकार बने. अगस्त की 30 तारीख को अलस्सुबह मध्य प्रदेश के सागर के आर्ट्स ऐंड कॉमर्स कॉलेज के चौकीदार शम्भू नारायण दुबे का तैनाती वाली जगह पर पाया गया. 60 साल के शम्भू उस दिन नाइट ड्यूटी पर थे. किसी ने उनका सिर कुचलकर हत्या कर दी थी. स्थानीय पुलिस के लिए यह बर्बर हत्या का एक मामला होता. लेकिन सागर में इससे ठीक एक दिन में पहले हुई एक हत्या ने इस केस की तहकीकात का रुख बदल दिया था. शम्भू की हत्या से एक दिन पहले 57 साल के कल्याण लोधी की भी हत्या इसी तरह से हुई थी. लोधी सागर छावनी के इलाके में एक फैक्टरी के चौकीदार थे. शम्भू की लाश के पास से बरामद हुआ कल्याण लोधी का फोन इन दोनों हत्याओं के बीच संबंध स्थापित करने के लिए पहली लेकिन काफी मजबूत कड़ी था. लेकिन ये हत्याएं यहीं नहीं रुकी. 30 अगस्त को ही सागर में मंगल अहिरवार नाम के शख्स को भी सिर कुचल कर मार डाला गया. अहिरवार एक निर्माणाधीन इमारत के चौकीदार थे. हत्यारे ने उनका सिर फावड़े से कुचल दिया था. इन हत्याओं की प्रारंभिक जांच से यह जाहिर हो चुका था कि इनके पीछे कोई एक ही व्यक्ति है. इसके बाद हरकत में आए प्रशासन ने इस सीरियल किलर पर तीस हजार रुपए का इनाम घोषित कर दिया.
शिव प्रसाद धुर्वे
मध्य प्रदेश के सागर और भोपाल में सिलसिलेवार तरीके से की गईं चार हत्याओं का आरोपी शिव प्रसाद धुर्वे गोंड आदिवासी समुदाय से ताल्लुक रखता है. वह 15 साल की उम्र में घर से भागकर पुणे चला गया था. यहां कुछ दिन एक रेस्तरां में काम करने के बाद वह गोवा चला गया और हाल ही में सागर लौटा था. धुर्वे ने पुलिस को बताया कि वह हत्या करने से पहले केजीएफ फिल्म देखता था और इंदौर का कुख्यात गैंगस्टर दुर्लभ कश्यप उसका रोल मॉडल था. वह भी दुर्लभ कश्यप की तरह कुख्यात होना चाहता था.
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