प्रयागराज में सिविल लाइंस चौराहे से करीब तीन किलोमीटर दूर चकिया चौराहे से केसारीमसारी रोड पर अल हसन फारूकी गर्ल्स इंटर कॉलेज के ठीक सामने माफिया अतीक अहमद के मकान का मलबा उसके ध्वस्त रसूख का भी मुजाहिरा कर रहा है. अतीक ने अपने दबदबे और इकबाल के चलते बगैर नक्शा पास कराए अपने लिए महलनुमा इमारत तैयार कराई थी. ढाई साल पहले 22 सितंबर, 2020 को 10,000 वर्ग मीटर जमीन पर फैला वर्षों के रसूख को कुछ घंटों में जमींदोज कर दिया गया था. अतीक की इस आलीशान पुश्तैनी कोठी में मेन गेट से रिहाइशी भवन तक पहुंचने को करीब 300 मीटर चलना पड़ता था. 22 कमरों के इस तिमंजिला रिहाइशी भवन में सुखसुविधा के सभी साधन थे. यहीं से 50 मीटर पर मौजूद अतीक के साढ़ इमरान जई की कोठी पर भी बुलडोजर की चोट साफ दिखती है. फिर कुछ दूर चकिया चौराहे पर अतीक के जमींदोज हो चुके भव्य कार्यालय समेत प्रयागराज के पश्चिमी इलाके में बड़ी संख्या में ध्वस्त इमारतें माफिया का नामोनिशान मिटाने की सरकारी कवायद की गवाह बनी हुई हैं. 2022 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले 26 दिसंबर, 2021 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज के लूकरगंज इलाके में अतीक के कब्जे से जमीन पर गरीबों की आवासीय योजना के लिए भूमि पूजन करके संदेश देने की कोशिश की थी कि सरकार माफिया की कमर तोड़ चुकी है. माफियाओं पर सख्त कार्रवाई और सुधरी कानून-व्यवस्था योगी सरकार के दोबारा सत्ता में वापसी की बड़ी वजह बनी थी.
This story is from the March 22, 2023 edition of India Today Hindi.
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