जानना जरूरी
एआइ के तेजी से डिजिटल अर्थव्यवस्था में समाहित होने के साथ संवाद आधारित निर्देशों में अपार संभावनाएं हैं और यूपीआई का इस्तेमाल करने वालों की संख्या आसमान छू सकती है
अब स्मार्टफोन पर या एलेक्सा सरीखे वर्चुअल सहायक के लिए वॉयस कमांड का इस्तेमाल इन दिनों आम बात है. जल्द ही यह आपके फोन पर यूपीआइ (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) के जरिए भुगतान के मामले में भी हो सकता है. यूपीआइ से रकम चुकाने के तौर-तरीकों में आमूलचूल बदलाव आया और डिजिटल भुगतान के पारिस्थितिकी तंत्र का विस्तार करने में यह बहुत मददगार रहा. यूपीआइ और यूपीआइ लाइट के जरिए भुगतान की संख्या और मूल्य हर गुजरते माह बढ़ रहे हैं.
भारतीय रिजर्व बैंक ने हाल ही में एआइ (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) से लैस बोलचाल से जुड़े फीचर यूपीआइ में समाहित करने की पेशकश की है. वॉयस पेमेंट में एआइ से संचालित डिवाइस, जैसे स्पीकर या स्मार्टफोन, पर बोलकर भुगतान करने का अनुरोध करना होगा. डिवाइस बोलने वाले को पहचान लेगी और तस्दीक करते जवाब देगी. यह सेवा शुरुआत में अंग्रेजी और हिंदी में होगी. बाद में क्षेत्रीय भाषाओं को जोड़ा जाएगा.
वॉयस टेक्नोलॉजी से तालमेल ने भाषाई बाधाओं को दूर कर दिया है. भुगतान सेवा प्रदाताओं के वॉयस कॉमर्स समाधान इस क्षेत्र में धीमे-धीमे आए, पर आरबीआइ की घोषणा से इन भुगतान समाधानों को तेजी से बराबरी पर आने के लिए पर्याप्त प्रोत्साहन मिलना चाहिए. संभावना यही है कि जिन प्लेटफॉर्म और व्यापारियों के पास चैटबोट की सुविधा पहले से है, वे इस पहल को आजमाने और इसका फायदा उठाने में अव्वल होंगे.
This story is from the August 30, 2023 edition of India Today Hindi.
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