अपनी मजदूरी से महरूम
India Today Hindi|October 18, 2023
बंगाल में नरेगा और पीएम आवास योजना ग्रामीण के फंड को रोकने के मुद्दे पर ममता बनर्जी की अगुआई वाली टीएमसी और केंद्र एक बार फिर आमने-सामने हैं. इस रस्साकशी के बीच, आम लोग बड़ी बेसब्री से अपनी तकलीफों के खत्म होने की देख रहे राह 
अर्कमय दत्ता मजुमदार
अपनी मजदूरी से महरूम

आरती दास अपने कमरे में पैर बहुत संभलकर रखती हैं. उन्हें डर लगा रहता है कि कहीं उनके पांव दरवाजे के पास मिट्टी के बर्तन में रखे चावल पर न लग जाएं. वे बमुश्किल एक वक्त के भोजन का इंतजाम कर पाती हैं. ऐसे में यह थोड़ा सा चावल उनके लिए लिए बड़ी दौलत से कम नहीं है. इस 42 वर्षीया महिला को सिलाई का काम खोजने के लिए मजबूर होना पड़ा क्योंकि स्थानीय पंचायत ने उन्हें महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा या नरेगा) के तहत रोजगार देना बंद कर दिया. उनके 50 वर्षीय पति दिलीप कपड़ा फैक्ट्री में काम करते हैं. आरती कहती हैं, "पहले, मैं हर महीने 3,000 रुपए अतिरिक्त कमा लेती थी. अब, मेरी आय 500 रुपए से 1,000 रुपए के बीच रह गई है." उत्तर 24 परगना जिले की बिलकंडा ग्राम पंचायत का यह परिवार दिलीप की 6,000 रुपए से 7,000 रुपए की मामूली कमाई पर किसी तरह गुजारा करने को मजबूर है.

नरेगा या 100 दिनों की नौकरी की गारंटी योजना पश्चिम बंगाल की आबादी के एक बड़े हिस्से के लिए आय का साधन है. राज्य में लगभग 1.36 करोड़ लोगों के पास वैध नरेगा जॉब कार्ड हैं लेकिन उनमें से केवल 92 लाख कार्ड ही सक्रिय हैं. इसका मतलब है कि कम से कम इतने लोग तो अपनी आजीविका के लिए इस योजना पर ही निर्भर हैं.

लेकिन, केंद्र सरकार ने नरेगा के तहत दिसंबर, 2021 तक अर्जित वेतन पर रोक लगा दी है. केंद्र ने 9 मार्च, 2022 को जब से राज्य पर नरेगा अधिनियम की दंडात्मक धारा 27-जो अनियमितताओं की स्थिति में धन को रोकने की व्यवस्था देता है-को लागू किया है तब से काम के लिए एक भी नया दिन निर्धारित नहीं हुआ है. आरती उन 21 लाख लोगों में एक हैं जिन्हें दिसंबर, 2021 तक किए गए काम के अंतिम चरण का भुगतान अभी तक नहीं मिला है. बंगाल में नरेगा मजदूरी के रूप में शुद्ध देय राशि 3,732 करोड़ रुपए है. अगर इसमें गैर-वेतन भुगतान को जोड़ लें तो यह राशि दोगुनी होकर 6,907 करोड़ रुपए हो जाती है. रोजगार के लिए केंद्र की इस योजना के लिए मजदूरी का भुगतान न होने से बड़े पैमाने पर लोग बेरोजगार हो गए, हजारों लोग गरीबी में फंस गए और नतीजतन, बड़े पैमाने पर राज्य से पलायन भी हुआ है.

This story is from the October 18, 2023 edition of India Today Hindi.

Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.

This story is from the October 18, 2023 edition of India Today Hindi.

Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.

MORE STORIES FROM INDIA TODAY HINDIView All
लीक से हटकर
India Today Hindi

लीक से हटकर

मध्य प्रदेश में जंगली सैर से लेकर लद्दाख में पश्मीना के इतिहास को जानने तक, हमने कुछ खास यात्रा अनुभवों की सूची तैयार की है जो आपको एक अनदेखे भारत के करीब ले जाएंगे

time-read
4 mins  |
January 01, 2025
खूबसूरत काया का जलवा
India Today Hindi

खूबसूरत काया का जलवा

भारत की खूबसूरत बालाएं और वैश्विक सौंदर्य प्रतियोगिताएं, लगता है नब्बे के दशक से एक-दूसरे के लिए ही बनी हैं. और यह सिर्फ किस्मत की बात नहीं. खिताब जीतने वाली कई सुंदरियों ने बाद में इसके सहारे अपने करियर को बुलंदियों पर पहुंचाया

time-read
3 mins  |
January 01, 2025
खरीदारी का मॉडर्न ठिकाना
India Today Hindi

खरीदारी का मॉडर्न ठिकाना

शॉपिंग मॉल भारत में '90 के दशक की ऐसी अनूठी घटना है जिसने भारतीय मध्य वर्ग की खरीद के तौर-तरीकों को बदल दिया. 'खरीदारी के साथ-साथ मनोरंजन' केंद्र होने की वजह से वे अब कामयाब हैं. वहां हर किसी के लिए कुछ न कुछ है

time-read
3 mins  |
January 01, 2025
छलकने लगे मस्ती भरे दिन
India Today Hindi

छलकने लगे मस्ती भरे दिन

यूबी की किंगफिशर ने 1990 के दशक में बीयर को कूल बना दिया. तब से घरेलू अल्कोहल उद्योग के जोशीले दिन कभी थमे नहीं

time-read
3 mins  |
January 01, 2025
डिस्को का देसी अंदाज
India Today Hindi

डिस्को का देसी अंदाज

घर हो या कोई भी नुक्कड़-चौराहा, हर तरफ फिल्मी गानों की बादशाहत कायम थी. उसके अलावा जैसे कुछ सुनाई ही नहीं पड़ता था. तभी भारतीय ब्रिटिश गायकसंगीतकार बिट्टू ने हमें नाजिया से रू-ब-रू कराया, जिनकी आवाज ने भारतीयों को दीवाना बना दिया. सच में लोग डिस्को के दीवाने हो गए. इसके साथ एक पूरी शैली ने जन्म लिया

time-read
4 mins  |
January 01, 2025
जिस लीग ने बनाई नई लीक
India Today Hindi

जिस लीग ने बनाई नई लीक

लगातार पड़ते छक्के, स्टैंड में बॉलीवुड सितारों और नामी कॉर्पोरेट हस्तियों और सत्ता- रसूखदारों की चकाचौंध, खूबसूरत बालाओं के दुमके - आइपीएल ने भद्रलोक के इस खेल को रेव पार्टी सरीखा बना डाला, जहां हर किसी की चांदी ही चांदी है

time-read
2 mins  |
January 01, 2025
आनंद की विरासत
India Today Hindi

आनंद की विरासत

विश्वनाथन आनंद अचानक ही सामने आए और दुनिया फतह कर ली. गुकेश के साथ 2024 में भारत को मिली उपलब्धि उसी विरासत का हिस्सा है

time-read
3 mins  |
January 01, 2025
जब स्वच्छता बन गया एक आंदोलन
India Today Hindi

जब स्वच्छता बन गया एक आंदोलन

सामूहिक शर्म से लेकर राष्ट्रीय गौरव तक, खुले में शौच का चलन खत्म करने के देश के सफर में मजबूत सियासी इच्छाशक्ति और नेतृत्व के साथ-साथ समुदाय, कॉर्पोरेट और सेलेब्रिटी के मिलकर काम करने की दास्तान शामिल

time-read
2 mins  |
January 01, 2025
जब मौन बन गया उद्घोष
India Today Hindi

जब मौन बन गया उद्घोष

एक पनबिजली परियोजना के विरोध में पर्यावरणविदों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, कवियों और पत्रकारों ने मिलकर जन जागरुकता अभियान चलाया और भारत के अब बचीखुची उष्णकटिबंधीय वर्षावनों में से एक, केरल की साइलेंट वैली को बचाने में कामयाब रहे।

time-read
2 mins  |
January 01, 2025
बताने को मजबूर हुए बाबू
India Today Hindi

बताने को मजबूर हुए बाबू

जमीनी स्तर पर संघर्ष से जन्मे इस ऐतिहासिक कानून ने भारत में लाखों लोगों के हाथों में सूचना का हथियार थमाकर गवर्नेस को न सिर्फ बदल दिया, बल्कि अधिकारों की जवाबदेही भी तय करने में बड़ी भूमिका निभाई

time-read
3 mins  |
January 01, 2025