यूं तो अपनी पार्टी के संस्थापक कांशीराम की पुण्यतिथि 9 अक्तूबर पर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के नेता और कार्यकर्ता प्रदेश के हर जिले में श्रद्धांजलि कार्यक्रमों का आयोजन करते आ रहे हैं लेकिन इस बार कई और भागीदार भी शामिल हो गए. हर बार की भांति इस बार भी बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में कांशीराम की प्रतिमा पर माल्यार्पण करके उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए. इस मौके पर मायावती ने कार्यकर्ताओं को याद दिलाया कि किस प्रकार कांशीराम के संघर्ष से यूपी में चार बार बसपा की सरकार बनी. मायावती ने कार्यकर्ताओं से कांशीराम का अधूरा मिशन पूरा करने के लिए संघर्ष करने का आह्वान भी किया.
आमतौर पर कांशीराम की जयंती या पुण्यतिथि पर सोशल मीडिया पर ही श्रद्धांजलि तक सीमित रहने वाली कांग्रेस ने इस बार पूरी शिद्दत के साथ बसपा संस्थापक को याद किया. लखनऊ में उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के दफ्तर में 9 अक्तूबर को श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसमें पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष समेत कई बड़े नेताओं ने कांशीराम के चित्र पर माल्यार्पण कर अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं.
समाजवादी पार्टी (सपा) भी बहुजन नायक को याद करने में पीछे नहीं रही. पार्टी के विक्रमादित्यमार्ग स्थित प्रदेश कार्यालय और सभी जिला कार्यालयों में कांशीराम के 17वें परिनिर्वाण दिवस पर श्रद्धांजलि कार्यक्रमों का आयोजन किया गया. प्रदेश सपा कार्यालय में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कांशीराम के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी. प्रदेश की सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांशीराम की पुण्यतिथि पर कोई कार्यक्रम का आयोजन तो नहीं किया लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी समेत सभी पार्टी पदाधिकारियों ने सोशल मीडिया पर कांशीराम को जनप्रिपय राजनेता बताते हुए श्रद्धांजलि दी.
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