इंजीनियर किसान
India Today Hindi|December 13, 2023
अपने घरवालों को खेतों में मूंगफली की बुआई के लिए घंटों जीतोड़ मेहनत करते देख किरणभाई ने सपना देखा कि नई मशीनों से खेती को आसान बनाना है. आज आठ राज्यों के किसान उनके सपने को जी रहे हैं
हमांशु शेखर
इंजीनियर किसान

किरणभाई माउजीभाई कथिरिया, 43 वर्ष संस्थापक, भूमि एग्रो हाइटेक

राजकोट के एक छोटे से गांव उंदखिजड़िया में उस लड़के के पिताजी की पान की दुकान थी. वहां आसपास के बड़े लोग पान खाने आते थे. उन्हें पान खिलाते हुए लड़का पूछता, आप क्या करते हैं?" तो अक्सर लोग बताते कि उनका कारोबार है. उनकी बातें सुनकर किरणभाई नाम के इस लड़के ने भी सपना देखा कि उसे भी एक दिन बड़ा कारोबारी बनना है. "डॉक्टर या इंजीनियर बनने या सरकारी नौकरी में जाने का सपना मैंने कभी नहीं देखा," किरणभाई बताते हैं. हालांकि किरणभाई माउजीभाई कथिरिया के लिए इस सपने में रंग भरना बहुत मुश्किल था. उसे पूरा करने के लिए एक जोरदार बिजनेस आइडिया, पूंजी और बहुत ही अच्छी किस्मत की जरूरत थी. लेकिन इस राह पर वे आगे बढ़ते, इसके पहले ही परिवार की जो थोड़ी सी जमीन थी, उसमें खेती के काम में हाथ बंटाने की जिम्मेदारी उन पर आ गई. दसवीं की परीक्षा पास करने के बाद अपने परिवार के दूसरे लोगों के साथ किरणभाई भी खेतों में काम करने के लिए जाने लगे.

किरणभाई का गांव गुजरात के जिस क्षेत्र में है, वहां मूंगफली की खेती बड़े पैमाने पर होती है. जब उन्होंने इन खेतों में काम करना शुरू किया तो उन्हें महसूस हुआ कि मूंगफली की खेती में बुआई के लिए काफी कम समय होता है. उतने कम समय में तीन बार जुताई करके खेत को तैयार करना होता था. सुबह पांच बजे काम शुरू होता था और अंधेरा होने तक चलता रहता था. इस दौरान खाने का समय भी नहीं मिलता था और कुछ लोग बीमार भी हो जाते थे.

किरणभाई ने यह सोचा कि आखिर ऐसा क्या किया जाए कि उनके पिता जैसे हजारों किसानों के लिए मूंगफली की खेती करना आसान हो जाए. उस समय न तो उनके पास जरूरी शिक्षा थी, न समझ थी और न ही जरूरी संसाधन. लेकिन एक मजबूत विचार हमेशा साथ था कि अपने परिजनों के लिए खेती को आसान बनाना है.

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