अमूमन सेलेब्रिटियों से जुड़े अश्लील और अवमाननपूर्ण डीपफेक को लेकर ये सवाल गूंजते रहे हैं कि ये "असली हैं या नकली?" चैटजीपीटी पहले ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) को डिनर टेबल पर बातचीत का विषय बना चुका है. “एआइ हेरफेर" (एआइ हेलुसिनेशन) के जरिए फर्जी, अवमानना या मनगढ़ंत मामलों के कॉपीराइट और चरित्रहनन के दावों के कारण जेनरेटिव एआइ डेवलपरों के खिलाफ कई मामले दर्ज हुए हैं. एआइ दुरुपयोग के मामले सुर्खियों में चढ़े तो कोई आश्चर्य नहीं कि दुरुपयोग को रोकने के लिए सख्त कानून-कायदों की मांग उठी. इस शोर में एआइ के सकारात्मक उपयोग का मामला खो जाने का डर है. इसलिए कानून में अपराधों या उल्लंघनों से निबटने के साथ नवाचार, विकास और आर्थिक लाभों के बीच संतुलन स्थापित करना होगा.
यूरोपीय यूनियन का एआइ कानून इस क्षेत्र पर बने पहले कानूनों में शामिल है जिसे तैयार होने में दो साल लगे और यह दिसंबर 2023 में आया. इसे एआइ पर व्यापक कानून कहा जाता है और यह अस्वीकार्य जोखिम मॉडल के रूप में सूचीबद्ध मामलों के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने और भारी जोखिम वाली कैटेगरी को नियंत्रित करता है. कम जोखिम वाले मामलों को इसमें स्व-नियमन के लिए छोड़ा गया है. अमेरिका डीपफेक्स अकाउंटेबिलिटी ऐक्ट और प्रोटेक्ट ऐक्ट के साथ डीपफेक और दुष्प्रचार अभियानों से निबटने के लिए दो संघीय कानूनों का मूल्यांकन कर रहा है. सिंगापुर का प्रोटेक्शन फ्रॉम ऑनलाइन फाल्सहुड्स ऐंड मेनिपुलेशन ऐक्ट 2019 राष्ट्रहित को नुक्सान पहुंचाने के उद्देश्य से फर्जी खबरों और दुष्प्रचार अभियानों पर लगाम कसता है. अमेरिका में कई राज्य कानूनों और साथ ही उपरोक्त सिंगापुर कानून का फोकस खासकर चुनावों को प्रभावित करने वाले दुष्प्रचार अभियानों पर है. चीन के कानून में फर्जी या भ्रामक जानकारी, तथ्यों में हेराफेरी, या समाज में गंभीर नुक्सान पहुंचाने के लिए जानबूझकर अफवाहें फैलाना दंडनीय अपराध है.
This story is from the January 17, 2024 edition of India Today Hindi.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber ? Sign In
This story is from the January 17, 2024 edition of India Today Hindi.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber? Sign In
लीक से हटकर
मध्य प्रदेश में जंगली सैर से लेकर लद्दाख में पश्मीना के इतिहास को जानने तक, हमने कुछ खास यात्रा अनुभवों की सूची तैयार की है जो आपको एक अनदेखे भारत के करीब ले जाएंगे
खूबसूरत काया का जलवा
भारत की खूबसूरत बालाएं और वैश्विक सौंदर्य प्रतियोगिताएं, लगता है नब्बे के दशक से एक-दूसरे के लिए ही बनी हैं. और यह सिर्फ किस्मत की बात नहीं. खिताब जीतने वाली कई सुंदरियों ने बाद में इसके सहारे अपने करियर को बुलंदियों पर पहुंचाया
खरीदारी का मॉडर्न ठिकाना
शॉपिंग मॉल भारत में '90 के दशक की ऐसी अनूठी घटना है जिसने भारतीय मध्य वर्ग की खरीद के तौर-तरीकों को बदल दिया. 'खरीदारी के साथ-साथ मनोरंजन' केंद्र होने की वजह से वे अब कामयाब हैं. वहां हर किसी के लिए कुछ न कुछ है
छलकने लगे मस्ती भरे दिन
यूबी की किंगफिशर ने 1990 के दशक में बीयर को कूल बना दिया. तब से घरेलू अल्कोहल उद्योग के जोशीले दिन कभी थमे नहीं
डिस्को का देसी अंदाज
घर हो या कोई भी नुक्कड़-चौराहा, हर तरफ फिल्मी गानों की बादशाहत कायम थी. उसके अलावा जैसे कुछ सुनाई ही नहीं पड़ता था. तभी भारतीय ब्रिटिश गायकसंगीतकार बिट्टू ने हमें नाजिया से रू-ब-रू कराया, जिनकी आवाज ने भारतीयों को दीवाना बना दिया. सच में लोग डिस्को के दीवाने हो गए. इसके साथ एक पूरी शैली ने जन्म लिया
जिस लीग ने बनाई नई लीक
लगातार पड़ते छक्के, स्टैंड में बॉलीवुड सितारों और नामी कॉर्पोरेट हस्तियों और सत्ता- रसूखदारों की चकाचौंध, खूबसूरत बालाओं के दुमके - आइपीएल ने भद्रलोक के इस खेल को रेव पार्टी सरीखा बना डाला, जहां हर किसी की चांदी ही चांदी है
आनंद की विरासत
विश्वनाथन आनंद अचानक ही सामने आए और दुनिया फतह कर ली. गुकेश के साथ 2024 में भारत को मिली उपलब्धि उसी विरासत का हिस्सा है
जब स्वच्छता बन गया एक आंदोलन
सामूहिक शर्म से लेकर राष्ट्रीय गौरव तक, खुले में शौच का चलन खत्म करने के देश के सफर में मजबूत सियासी इच्छाशक्ति और नेतृत्व के साथ-साथ समुदाय, कॉर्पोरेट और सेलेब्रिटी के मिलकर काम करने की दास्तान शामिल
जब मौन बन गया उद्घोष
एक पनबिजली परियोजना के विरोध में पर्यावरणविदों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, कवियों और पत्रकारों ने मिलकर जन जागरुकता अभियान चलाया और भारत के अब बचीखुची उष्णकटिबंधीय वर्षावनों में से एक, केरल की साइलेंट वैली को बचाने में कामयाब रहे।
बताने को मजबूर हुए बाबू
जमीनी स्तर पर संघर्ष से जन्मे इस ऐतिहासिक कानून ने भारत में लाखों लोगों के हाथों में सूचना का हथियार थमाकर गवर्नेस को न सिर्फ बदल दिया, बल्कि अधिकारों की जवाबदेही भी तय करने में बड़ी भूमिका निभाई