लेकिन जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों ने दुनिया के अन्य हिस्सों की तरह इन नजारों को भी कुछ धूमिल कर दिया है. इस वर्ष इसका सबसे ज्यादा असर नजर आया... भीषण ठंड में बिना बर्फ के पहाड़ों की चोटियां एकदम सूनी नजर आ रही हैं और घाटियां भी बर्फ की परत से वंचित हैं जबकि यही ज्यादातर लोगों की आजीविका का साधन है.
जलवायु परिवर्तन के कारण बदला परिदृश्य 8,500 फुट की ऊंचाई पर स्थित दुनिया के सबसे ऊंचे स्की रिजॉर्ट्स में एक गुलमर्ग में कहीं ज्यादा साफ तरीके से नजर आ रहा है. देवदार के जंगलों के बीच मखमली बर्फ से घिरा एक लंबा-चौड़ा और प्राकृतिक सुंदरता से भरा यह क्षेत्र स्कीइंग के शौकीनों के लिए स्वर्ग से कम नहीं है. सर्दियों के समय तो यहां का नजारा अद्भुत होता है. नवंबर से मध्य अप्रैल तक यह बर्फ से पूरी तरह ढंका रहता है और फिर जून तक ऊपरी इलाकों में हर तरफ बर्फ की एक मोटी चादर बिछी रहती है. लेकिन इस बार यह नजारा नदारद है. ढलानों पर बर्फ का नामो-निशान नहीं है और ऊंची चोटियों पर भी महज पतली-सी परत ही नजर आ रही है. आमतौर पर शून्य से नीचे रहने वाला तापमान भी अब 5 डिग्री सेल्सियस के आसपास ठहरकर हैरान कर रहा है.
This story is from the February 07, 2024 edition of India Today Hindi.
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