हल्दीघाटी के युद्ध को भले ही 447 ह साल हो गए हों लेकिन महाराणा प्रताप और अकबर को लेकर राजस्थान में आज भी सियासी जंग जारी है. प्रदेश में सत्ता संभालते ही भाजपा ने स्कूली पाठ्यपुस्तकों से अकबर पर आधारित अध्यायों को हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी. इसकी शुरुआत तो सूबे के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने की पर अब मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा और कई अन्य नेता भी इस लड़ाई में कूद पड़े हैं.
दिलावर 26 फरवरी, 2024 की दोपहर बाड़मेर में एक निजी स्कूल में आयोजित कार्यक्रम में अकबर पर नए इतिहास का बखान करते नजर आए. उनके शब्द थे, "अकबर महान नहीं बल्कि दुराचारी, बलात्कारी और आक्रांता था. वह मीना बाजार लगाता था और सुंदर माताओं-बहनों को उठाकर ले जाता था. उनके साथ रेप करता था. वह महान कैसे हो गया ? अब राजस्थान में किसी भी जगह अकबर को महान नहीं पढ़ाया जाएगा, उसे दुराचारी ही पढ़ाया जाएगा." एक दिन बाद ही दिलावर ने स्कूली कोर्स से अकबर का पाठ हटाने की घोषणा कर दी.
दिलावर के इस बयान के 4 दिन बाद ही 1 मार्च, 2024 को मुख्यमंत्री शर्मा ने भी महाराणा प्रताप की राजतिलक स्थली गोगुंदा में अकबर की महानता पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा, "अकबर कभी महान नहीं हुआ, महान तो महाराणा प्रताप थे. कांग्रेस ने अपने कार्यकाल में पाठ्यपुस्तकों में अकबर को महान बताया. कांग्रेस के शिक्षा मंत्री कहते थे कि महाराणा प्रताप ने सत्ता के लिए संघर्ष किया. मैं उनसे कहना चाहता हूं कि महाराणा प्रताप ने सत्ता के लिए नहीं बल्कि देश के लिए संघर्ष किया."
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