अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने के केंद्र और राज्य सरकारों के 'झूठे वादे' से मायूस होकर कुर्मी समुदाय ने इस बार के लोकसभा चुनावों में पश्चिम बंगाल में खुद अपने उम्मीदवार उतारने का फैसला लिया है. राज्य के चार जिलों मेदिनीपुर, पुरुलिया, झाड़ग्राम और बांकुरा - जिन्हें मिलाकर जंगलमहल कहा जाता है- में उनकी अच्छी-खासी मौजूदगी है. यही बात उन्हें चुनावों में निर्णायक या अहम कारक बना देती है. एक मोटे अनुमान के हिसाब से पुरुलिया की आबादी में 65 फीसद कुर्मी हैं. इसी तरह झाड़ग्राम, पश्चिम मेदिनीपुर और बांकुरा में आबादी के क्रमशः 42 फीसद, 17 फीसद और 18 फीसद कुर्मी हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव में इस समुदाय ने एकमुश्त ने भाजपा के पक्ष में वोट दिया था-जिसकी मदद से पार्टी ने पहली बार बांकुरा, बिष्णुपुर, झाड़ग्राम, मेदिनीपुर और पुरुलिया की सीटें जीत ली थीं. उससे राज्य की 42 सीटों में से भाजपा को 18 सीटें मिल गईं और वह बंगाल में मुख्य विपक्षी दल बन गई थी.
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हिमालय की वादियों में बसा सिक्किम अपनी प्राकृतिक भव्यता और कई पहाड़ी झीलों की रमणीयता तथा खूबसूरती के लिए जाना जाता है. उत्तरपूर्व के इस राज्य को हाल में ऐसी मुसीबत झेलनी पड़ी जिससे जलवायु परिवर्तन से होने वाली प्राकृतिक आपदाओं के गहरे असर का पता चला. 4 अक्तूबर, 2023 को बादल फटने से लोनक घाटी में 17,000 फुट की ऊंचाई पर बनी दक्षिण लोनक झील के बांध टूट गए.
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ऐसा माना जा रहा है कि बिहार लोकसेवा आयोग (बीपीएससी) के खिलाफ 2024 के दिसंबर महीने से शुरू हुआ आंदोलन अब अवसान की ओर है.