![क्या भाजपा दक्षिण दुर्ग भेद सकेगी?](https://cdn.magzter.com/India Today Hindi/1713178125/articles/PYgnKAxjf1713264233990/1713264619117.jpg)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में यह विरल खासियत है कि चुटकी बजाते ही उनके मन में पूरी तस्वीर उभर आती है और फिर किसी कलाकार की तरह बिंदु- दर-बिंदु चित्र उकेरने लगते हैं. जैसा कि उन्होंने पिछले दिसंबर में एक बातचीत में इंडिया टुडे से कहा था, "जब मैं कुछ शुरू करता हूं, मुझे अंतिम बिंदु पता होता है. मगर मैं शुरुआत में कभी भी अंतिम मंजिल या ब्लूप्रिंट की घोषणा नहीं करता. मेरा विजन और योजना एक के बाद एक खुलती चली जाती है.' तमिलनाडु में वोटिंग की तारीख से 10 दिन पहले 9 अप्रैल को प्रधानमंत्री ने चेन्नै में रोड शो किया जो शहर के मध्य टी. नगर से गुजरा और जब यह खत्म होने वाला था, उन्होंने घोषणा की, "चेन्नै ने मुझे जीत लिया."
मोदी अपनी रैली के लिए जिस रास्ते से होकर गए, उसकी प्रतीकात्मक अहमियत मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन की नजरों से छिपी नहीं रह सकी, जो सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के अध्यक्ष और आठ पार्टियों के सेक्यूलर प्रोग्रेसिव एलायंस (एसपीए) के प्रमुख भी हैं, जो साथ-साथ राज्य की सभी 39 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ रहा है. अगले दिन डिंडिगुल की सभा में स्टालिन गरजे, "प्रिय प्रधानमंत्री, आपको पता है कि कल जिस जगह टी. नगर में आपने रोड शो किया, उसे अपना यह नाम कैसे मिला? उसका नाम जस्टिस पार्टी के नेता के नाम पर है. यह द्रविड़ों का किला है और आपको लगता है, यहां आप अपना दिखावा कर सकते हैं?" 1916 में स्थापित जस्टिस पार्टी को तमिलनाडु में द्रविड़ आंदोलन का जनक माना जाता है और उसके संस्थापकों में तियागराय चेट्टी भी थे, जिनके नाम पर टी. नगर नाम रखा गया. 1949 में डीएमके की स्थापना के साथ वह आंदोलन राजनैतिक हो गया और जिसने अपने से टूटकर अलग हुए धड़े-ऑल इंडिया अन्ना डीएम (एआईएडीएमके)-के साथ 1967 से ही राज्य में बारी-बारी से हुकूमत की है. कोई भी राष्ट्रीय पार्टी-कांग्रेस भी- राज्य पर उनकी पकड़ को हिला नहीं पाई.
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![कई इन्वेंशन किए कल्कि के लिए](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1766595/-1nLCyTfz1721138847307/1721138970519.jpg)
कई इन्वेंशन किए कल्कि के लिए
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![काका और दादा की दोस्ती का दम](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1766595/8maz8QyaC1721138663576/1721138845199.jpg)
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सिनेमा में सक्रिय होने के बावजूद दो खुट अभिनेता दोस्त कुमुद मिश्र और शुभ्रज्योत बराट हिंदी थिएटर के प्रतिनिधि चेहरे बनकर उभरे
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आए कुछ अतिवादी भी
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![जड़ों से गहरे जुड़ाव वाले](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1766595/deh4iw9X21721137762821/1721138029889.jpg)
जड़ों से गहरे जुड़ाव वाले
ये सांसद जमीन से जुड़े ऐसे नेता हैं जो किसानों के मुद्दों से लेकर तमाम जमीनी मुद्दे उठाते हुए संसद तक पहुंचे
![महत्वाकांक्षाओं की फसल](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1766595/eWp0t4i3Z1721137587322/1721137758988.jpg)
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धरतीपुत्र विभिन्न रूप में आए हैं, श्रमिक से लेकर वरिष्ठ और मजबूत वामपंथी. उनके बीच समानता यह है कि वे सभी खेती-किसानी और जमीन से गहरे से जुड़े हुए हैं
![नेता वही, पार्टी नई](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1766595/GLnG-DnQ-1721136967507/1721137554235.jpg)
नेता वही, पार्टी नई
एक पार्टी से दूसरी में छलांग लगाने और नई वफादारियों की कसमें खाने के बाद चुनावी फतह हासिल करने वाले नेता
![संसद में संकाय सदस्य](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1766595/w0y1icq1b1721136233449/1721136976414.jpg)
संसद में संकाय सदस्य
स्कूल शिक्षकों के साथ-साथ बिजनेस, कंप्यूटर साइंस और कल्चरल स्टडीज के प्रोफेसरों ने अपने-अपने क्लासरूम से निकलकर राजनीति की खासी हल्ले-गुल्ले वाली दुनिया में कदम रखा. पहली बार चुने जाकर वे संसद में पहुंचे
![अब फिक्र देश की सेहत की](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1766595/f9zmxtXt51721135328500/1721136234880.jpg)
अब फिक्र देश की सेहत की
लोकसभा में दाखिल हो कई सदस्य ऐसे हैं जिन्हें चिकित्सा सेवा की विविध विधाओं में महारत हासिल है - कोई कार्डियोलॉजी, सर्जरी या फिर मनोचिकित्सा से जुड़ा तो कोई आयुर्वेद और होम्योपैथी का विशेषज्ञ. विधायी कार्यों में इनका अनुभव खासा कारगर साबित होने वाला