राजस्थान में पहले चरण की 12 सीटों पर मतदान के बाद अब दूसरे चरण का चुनाव दिलचस्प मोड़ पर आ गया है. प्रदेश की 13 लोकसभा सीटों पर दूसरे चरण में 26 अप्रैल को वोट पड़ेंगे. इनमें सबसे रोमांचक मुकाबला बाड़मेर-जैसलमेर, जालोर सिरोही और बांसवाड़ा-डूंगरपुर लोकसभा क्षेत्र में होता दिख रहा है. आइए जरा पहले इन तीन लोकसभा क्षेत्रों का हाल जानते हैं. पाकिस्तान की सरहद से लगा बाड़मेर-जैसलमेर क्षेत्रफल के लिहाज से लद्दाख के बाद देश का दूसरा सबसे बड़ा लोकसभा क्षेत्र है.
यहां मौजूदा सांसद भाजपा के कैलाश चौधरी को कांग्रेस के उम्मेदाराम बेनीवाल और निर्दलीय रवींद्र सिंह भाटी से कड़ी टक्कर मिल रही है. भाटी के ताल ठोकने से यहां मुकाबला त्रिकोणीय और बेहद रोचक हो गया है. 71,601 वर्ग किलोमीटर में फैले इस क्षेत्र का सियासी पारा मारूथल की प्रचंड गर्मी पर भी भारी पड़ रहा है. भाटी भाजपा और कांग्रेस दोनों के पसीने छुड़ा रहे हैं. बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा क्षेत्र में कुल आठ विधानसभा सीटें आती हैं. इसमें बाड़मेर जिले की बाड़मेर, शिव, बायतू, पचपदरा, सिवाना, गुढ़ामलानी और चौहटन सीटें हैं, इसके अलावा जैसलमेर विधानसभा सीट भी इसमें शामिल है. इन आठ विधानसभा क्षेत्रों में से पांच पर भाजपा, एक पर कांग्रेस और दो पर निर्दलीयों का कब्जा है. बाड़मेर से निर्दलीय जीतने वालीं प्रियंका चौधरी भाजपा का दामन थाम चुकी हैं. भाटी भी इन्हीं में से एक शिव सीट से निर्दलीय जीते हैं और भाजपा की मनाने की कोशिशों को धता बताते हुए लोकसभा चुनाव में भी बतौर निर्दलीय आ हैं. बेनीवाल ने बायतू विधानसभा सीट से राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा था और कांग्रेस के हरीश चौधरी से महज 910 वोटों से हारे थे. कांग्रेस के लिए सुखद संकेत है कि विधानसभा चुनाव में बाड़मेर जिले की एक सीट जीतने के बावजूद उसने महज भाजपा से 95,953 वोट ज्यादा हासिल किए.
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