पांच साल पहले, 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पूरे उत्साह से मैदान में उतरी थी, क्योंकि उससे पहले 2018 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने शानदार सफलता हासिल की थी और 90 में से 68 सीटें कब्जा कर राज्य में करीब डेढ़ दशक बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को सत्ता से बेदखल कर दिया था. उसे लोकसभा चुनाव में भी जीत अपनी मुट्ठी में लग रही थी. लेकिन नतीजे एकदम उलट रहे, लोकसभा चुनाव में भाजपा ने बाजी मारी और छत्तीसगढ़ की 11 लोकसभा सीटों में से नौ पर जीत दर्ज कराई. अब, जबकि राज्य में 2024 के आम चुनावों के लिए तीन चरणों में मतदान होना है, अधिकांश लोगों के मन में सवाल उठ रहा है कि क्या इस बार भाजपा को पटखनी देकर कांग्रेस 2023 के विधानसभा चुनाव नतीजों के उलट शानदार प्रदर्शन कर पाएगी. विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 90 में से 54 सीटें हासिल की थीं. राजनैतिक विश्लेषकों की मानें तो कांग्रेस के लिए राह आसान नहीं होगी क्योंकि भाजपा के पास अभी भी उसका एक सबसे बड़ा हथियार बरकरार है जो कि 2019 में भी कांग्रेस को पछाड़ने में मददगार साबित हुआ था, और भाजपा के तरकश का यह तीर है-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पक्ष में विशाल जनसमर्थन फिर भी, कुछ लोगों का मानना है कि पीएम जैसे ट्रंप कार्ड के बावजूद कांग्रेस छत्तीसगढ़ में चुनावी दौड़ से बाहर नहीं है.
This story is from the May 08, 2024 edition of India Today Hindi.
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लीक से हटकर
मध्य प्रदेश में जंगली सैर से लेकर लद्दाख में पश्मीना के इतिहास को जानने तक, हमने कुछ खास यात्रा अनुभवों की सूची तैयार की है जो आपको एक अनदेखे भारत के करीब ले जाएंगे
खूबसूरत काया का जलवा
भारत की खूबसूरत बालाएं और वैश्विक सौंदर्य प्रतियोगिताएं, लगता है नब्बे के दशक से एक-दूसरे के लिए ही बनी हैं. और यह सिर्फ किस्मत की बात नहीं. खिताब जीतने वाली कई सुंदरियों ने बाद में इसके सहारे अपने करियर को बुलंदियों पर पहुंचाया
खरीदारी का मॉडर्न ठिकाना
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छलकने लगे मस्ती भरे दिन
यूबी की किंगफिशर ने 1990 के दशक में बीयर को कूल बना दिया. तब से घरेलू अल्कोहल उद्योग के जोशीले दिन कभी थमे नहीं
डिस्को का देसी अंदाज
घर हो या कोई भी नुक्कड़-चौराहा, हर तरफ फिल्मी गानों की बादशाहत कायम थी. उसके अलावा जैसे कुछ सुनाई ही नहीं पड़ता था. तभी भारतीय ब्रिटिश गायकसंगीतकार बिट्टू ने हमें नाजिया से रू-ब-रू कराया, जिनकी आवाज ने भारतीयों को दीवाना बना दिया. सच में लोग डिस्को के दीवाने हो गए. इसके साथ एक पूरी शैली ने जन्म लिया
जिस लीग ने बनाई नई लीक
लगातार पड़ते छक्के, स्टैंड में बॉलीवुड सितारों और नामी कॉर्पोरेट हस्तियों और सत्ता- रसूखदारों की चकाचौंध, खूबसूरत बालाओं के दुमके - आइपीएल ने भद्रलोक के इस खेल को रेव पार्टी सरीखा बना डाला, जहां हर किसी की चांदी ही चांदी है
आनंद की विरासत
विश्वनाथन आनंद अचानक ही सामने आए और दुनिया फतह कर ली. गुकेश के साथ 2024 में भारत को मिली उपलब्धि उसी विरासत का हिस्सा है
जब स्वच्छता बन गया एक आंदोलन
सामूहिक शर्म से लेकर राष्ट्रीय गौरव तक, खुले में शौच का चलन खत्म करने के देश के सफर में मजबूत सियासी इच्छाशक्ति और नेतृत्व के साथ-साथ समुदाय, कॉर्पोरेट और सेलेब्रिटी के मिलकर काम करने की दास्तान शामिल
जब मौन बन गया उद्घोष
एक पनबिजली परियोजना के विरोध में पर्यावरणविदों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, कवियों और पत्रकारों ने मिलकर जन जागरुकता अभियान चलाया और भारत के अब बचीखुची उष्णकटिबंधीय वर्षावनों में से एक, केरल की साइलेंट वैली को बचाने में कामयाब रहे।
बताने को मजबूर हुए बाबू
जमीनी स्तर पर संघर्ष से जन्मे इस ऐतिहासिक कानून ने भारत में लाखों लोगों के हाथों में सूचना का हथियार थमाकर गवर्नेस को न सिर्फ बदल दिया, बल्कि अधिकारों की जवाबदेही भी तय करने में बड़ी भूमिका निभाई