प्र. आपकी राय में केंद्रीय बजट 2024-25 में मुख्य जोर किन बातों पर है?
आशिमा गोयलः आर्थिक वृद्धि की खास रुकावटों की ठीक से पहचान की गई है और देश में ऊंची विकास दर को बनाए रखने के लिए उन्हें दूर करने की जरूरत पर ध्यान दिया गया है. उनमें कई चीजें शामिल हैं. मसलन कृषि पैदावार बढ़ाना और उस पर जलवायु परिवर्तन के असर को कम करना, इन्फ्रास्ट्रक्चर में बढ़ोतरी के साथ-साथ अच्छी नौकरियों का सृजन, रोजगार-संबंधित कौशल के स्तर और मात्रा को बढ़ाना और दक्षता में सुधार के लिए राज्यों के साथ मिलकर काम करना. इन्हीं वजहों से हमारी अर्थव्यवस्था की रफ्तार सुस्त है. असली बदलाव लाने के लिए निजी क्षेत्र और राज्यों को साथ लेकर चलना जरूरी है. बजट में इसके लिए कुछ अच्छे डिजाइन किए गए प्रोत्साहन दिए गए हैं.
अजित रानाडे: बजट का मुख्य जोर रोजगार सृजन, कौशल विकास, मानव श्रमबल को बढ़ाने और छोटे व्यवसायों की मदद करने के लिए प्रोत्साहन देने पर है. हुनर या कौशल निर्माण और प्रशिक्षण टिकाऊ ऊंची विकास दर की जरूरत है. छोटे कारोबारों की व्यावहारिकता और समृद्धि के लिए भी समावेशी विकास की रणनीति अपनाई गई है. असल में छोटे कारोबार और उद्योग ही औद्योगिक क्षेत्र में 40 फीसद से ज्यादा रोजगार, मूल्य-संवर्धन और निर्यात मुहैया कराते हैं.
इसके अलावा, ऊर्जा सुरक्षा से संबंधित बजट के हिस्से में कठिन क्षेत्रों को मान्यता देना और अक्षय ऊर्जा पर निरंतर जोर, और अब परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में निजी क्षेत्र की भागीदारी जैसे उपाय स्वागतयोग्य होने चाहिए. बजट की दूसरी प्रमुख विशेषता राजकोषीय संतुलन पर सख्ती और सावधानीपूर्वक ध्यान देना है.
डी. के. जोशी: बजट 2025 में अंतरिम बजट में निर्धारित राजकोषीय घाटे के लक्ष्य में सुधार करके राजकोषीय संतुलन को बनाए रखा गया है. इन्फ्रास्ट्रक्चर के निर्माण पर केंद्रित पूंजीगत खर्च को जारी रखा गया है. कुछ समस्याओं को दूर करने के लिए राजस्व व्यय बढ़ाया गया है. इसमें खाद्य वस्तुओं की महंगाई पर नियंत्रण के लिए संरचनात्मक उपायों की भी घोषणा की गई है.
This story is from the 7th August, 2024 edition of India Today Hindi.
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