हिंद महासागर दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा महासागर है. इसकी परिधि में आने वाले देश इस दुनिया की कुछ सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाएं हैं और दुनिया की कुल आबादी का 35 फीसद से अधिक इन्हीं देशों में निवास करता है. इंडियन ओशन रीजन (आइओआर) वैश्विक आर्थिक विकास के एक महत्वपूर्ण वाहक के रूप में उभरा है.
वैश्विक व्यापार में इसकी अहमियत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि विश्व में तेल के कुल आवागमन का दोतिहाई, कंटेनर आवागमन का आधा और थोक कार्गो शिपमेंट का एक-तिहाई, आइओआर के अंतरराष्ट्रीय समुद्री मार्गों से होकर गुजरता है. दुनिया के महत्वपूर्ण समुद्री मार्ग के बीच में स्थित होना हमारे लिए एक बहुत बड़ा रणनीतिक लाभ है. इससे समुद्र में तैनात हमारे सैन्य बलों की पहुंच, उनके लिए आवश्यक रसद आपूर्ति और गतिशीलता बहुत सुविधाजनक हो जाती है, जिससे हमें इस समुद्री क्षेत्र को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करने की क्षमता मिलती है. हम इस क्षेत्र में चल रहे 'रणनीतिक मंथन' के केंद्र में भी रहे हैं.
नाविकों के बीच एक कहावत बड़ी प्रचलित है कि, 'सीमाएं बांटती हैं और समुद्र जोड़ते हैं.' उसी का अनुसरण करते हुए हमारी नौसेना ने मित्र देशों के साथ साझेदारी, आपसी विश्वास और भरोसा बनाने का प्रयास किया है. समकालीन भू-रणनीतिक परिदृश्य में, आपसी सहयोग पर आधारित नौसेना की पहलकदमियों ने ऐसे महत्वपूर्ण साधन प्रदान किए हैं जो हमारी विदेश नीति को हिंद महासागर को भारत का महासागर बनाने की दिशा में आगे बढ़ने में बहुत काम आएंगे.
This story is from the August 28, 2024 edition of India Today Hindi.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber ? Sign In
This story is from the August 28, 2024 edition of India Today Hindi.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber? Sign In
सबसे अहम शांति
देवदत्त पटनायक अपनी नई किताब अहिंसाः 100 रिफ्लेक्शन्स ऑन द सिविलाइजेशन में हड़प्पा सभ्यता का वैकल्पिक नजरिया पेश कर रहे हैं
एक गुलदस्ता 2025 का
अ ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ ह्यूमनकाइंड जैसी चर्चित किताब के लेखक युवाल नोआ हरारी की यह नई किताब बताती है कि सूचना प्रौद्योगिकी ने हमारी दुनिया को कैसे बनाया और कैसे बिगाड़ा है.
मौन सुधारक
आर्थिक उदारीकरण के देश में सूत्रधार, 2004 से 2014 तक प्रधानमंत्री रहे मनमोहन सिंह का 26 दिसंबर को 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया.
हिंदुस्तानी किस्सागोई का यह सुनहरा दौर
भारतीय मनोरंजन उद्योग जैसे-जैसे विकसित हो रहा है उसमें अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी आने, वैश्विक स्तर पर साझेदारियां बनने और एकदम स्थानीय स्तर के कंटेंट के कारण नए अवसर पैदा हो रहे. साथ ही दुनियाभर के दर्शकों को विविधतापूर्ण कहानियां मिल रहीं
स्वस्थ और सेहतमंद मुल्क के लिए एक रोडमैप
स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में हमारी चुनौतियों का पैमाना विशाल है. 'स्वस्थ और विकसित भारत' के लिए मुल्क को टेक्नोलॉजी के रचनात्मक उपयोग, प्रिडिक्टिव प्रिसीजन मेडिसिन, बिग डेटा और पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप पर कहीं ज्यादा ध्यान केंद्रित करना होगा
ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था की ओर
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2025 में भारत की शिक्षा प्रणाली में बदलाव लाने, नवाचार, उद्यमिता और सामाजिक प्रगति को बढ़ावा देने के लिए उत्प्रेरक का काम कर रही
ईवी में ऊंची छलांग के लिए भारत क्या करे
स्थानीयकरण से नवाचार तक... चार्जिंग की दुश्वारियां दूर करना, बैटरी तकनीक बेहतर करना और बिक्री के बाद की सेवाएं बेहतर करना ही इलेक्ट्रिक वाहन क्रांति को मजबूत करने का मूल मंत्र है
अब ग्रीन भारत अभियान की बारी
देशों को वैश्विक सफलता का इंतजार करने के बजाए जलवायु को बर्दाश्त बनने के लिए खुद पर भरोसा करना चाहिए
टकराव की नई राहें
हिंदू-मुस्लिम दोफाड़ अब भी जबरदस्त राजनैतिक संदर्भ बिंदु है. अपने दम पर बहुमत पाने में भाजपा की नाकामी से भी सांप्रदायिक लफ्फाजी शांत नहीं हुई, मगर हिंदुत्व के कट्टरपंथी तत्वों के खिलाफ आरएसएस की प्रतिक्रिया अच्छा संकेत
महिलाओं को मुहैया कराएं काम के लिए उचित माहौल
यह पहल अगर इस साल शुरु कर दें तो हम देख पाएंगे कि एक महिला किस तरह से देश की आर्थिक किस्मत बदल सकती है