मई 2024 में टिकटॉक पर एक ऐसा ट्रेंड शुरू हुआ, जिसने तमाम लोगों को एकदम हैरानी में डाल दिया. दरअसल, दुनियाभर की महिलाएं और लड़कियां अचानक से पारंपरिक भारतीय परिधानों में सज-धजकर रील शूट करती नजर रही थीं. यही नहीं, 2001 में आई हिंदी फिल्म अशोका के गाने 'सन सनन नन... ' पर लिप सिंक कर रही थीं. दो दशक पुराना गाना अचानक हैशटैग 'अशोकामेकअप' के साथ ऑनलाइन ट्रेंड करने लगा था. यह आज दुनिया में भारत की सांस्कृतिक छाप के कई उदाहरणों में से एक है.
कोचेला म्यूजिक फेस्टिवल में दिलजीत दोसांझ के अपने संगीत से कार्यक्रम में आए दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देने से लेकर, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय फैशन डिजाइनरों के धूम मचाने और कलाकारों को म्यूजिक ऑफ मॉर्डन आर्ट (एमओएमए) जैसे प्रसिद्ध संग्रहालयों में अपनी कृतियां प्रदर्शित करने का मौका मिलने तक, भारत अपनी समृद्ध संस्कृति को प्रदर्शित करने की कला को और अधिक निखारता जा रहा है. हालांकि, यह विदेशों में भारतीय फिल्मों की बढ़ती चमक जितना स्पष्ट नजर नहीं आता. पिछले वर्ष दुनिया में सर्वाधिक विविधता वाले फिल्मोद्योग ने 38 देशों में अपनी 339 फिल्में रिलीज कीं. और सबसे बड़ी बात तो यह कि हॉलीवुड लायंसगेट स्टूडियो ने इसी वर्ष आई एक्शन थ्रिलर किल के रीमेक अधिकार खरीद लिए हैं. वहीं, नेटफ्लिक्स संजय लीला भंसाली की ओटीटी डेब्यू हीरामंडी पर करीब 200 करोड़ रुपए का दांव लगाने में नहीं हिचकिचाया. इसे कई भाषाओं में डब किया गया है. दिग्गज ओटीटी प्लेटफॉर्म को अपने निवेश का भरपूर फायदा भी मिला. इस साल रिलीज के बाद से 43 देशों में टॉप-10 में जगह बनाए रखने वाली इस सीरीज ने अच्छी-खासी कमाई भी कराई है.
यह कोई पहला मौका नहीं था जब स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म की मदद से कोई भारतीय सीरीज वैश्विक चर्चा का हिस्सा बनी. इससे पहले 2020 में दिल्ली क्राइम अंतरराष्ट्रीय एमी पुरस्कार जीतने वाली पहली भारतीय वेब सीरीज बनी थी. करण जौहर के धर्मा एंटरटेनमेंट में क्रिएटिव डेवलपमेंट प्रमुख और निर्माता सोमेन मिश्रा भारतीय फिल्मों को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने के लिए एक आसान तरकीब सुझाते हैं: "आप जितना ज्यादा लोकल सोचेंगे, ग्लोबल मंच पर उतना ही ज्यादा छा सकते हैं. " वे कहते हैं, “दर्शकों को ऐसी दुनिया की झलक दें जो उन्होंने नहीं देखी है."
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