आइआइएम इंदौर बिजनेस स्कूलों की सामान्य परिपाटी से इतर अपने काम को कुछ अलग तरीके से करता है. जैसा, इसके प्रशासकों का कहना है, संस्थान ने तीन तत्वों को अपना मिशन बनाया है-प्रासंगिक रहना, विश्वस्तरीय शैक्षणिक मानक अपनाना और सामाजिक तौर पर जागरूक नेतृत्वकर्ता तैयार करना. और यही तीसरा तत्व आइआइएम इंदौर को अन्य संस्थानों से अलहदा बनाता है. छात्रों को खासकर इसके लिए तैयार किया जाता है कि देश के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान निकालने को लेकर सचेत हों. इस तरह यह संस्थान राष्ट्र निर्माण में अहम योगदान दे रहा है.
यह कैसे किया जा रहा है ? आइआइएम इंदौर ने अपशिष्ट प्रबंधन, जल एवं स्वच्छता पर ध्यान केंद्रित करके आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय से 19.95 करोड़ रुपए के अनुदान के साथ अन्वेषण नामक उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किया है. इसका उद्देश्य देश के सभी 4,800 शहरी निकायों के कर्मचारियों को प्रशिक्षण देना है. ताकि भारतीय शहरों को स्वच्छ एवं स्वस्थ बनाने का लक्ष्य हासिल किया जा सके. लगातार सात बार देश के सबसे स्वच्छ शहर का दर्जा हासिल करने की इंदौर की उपलब्धि के मद्देनजर आइआइएम इंदौर ने इंदौर नगर निगम के साथ भागीदारी की है, जो प्रशिक्षुओं को अपशिष्ट पृथक्करण और कचरे से कमाई के साधनों पर केंद्रित कार्यक्रम आकर देखने की सुविधा प्रदान करता है. संस्थान कचरा प्रबंधन पर काम करने के लिए स्टार्टअप विकसित करने की प्रक्रिया में है.
This story is from the November 20, 2024 edition of India Today Hindi.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber ? Sign In
This story is from the November 20, 2024 edition of India Today Hindi.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber? Sign In
मिले सुर मेरा तुम्हारा
राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता संगीतकार अमित त्रिवेदी अपने ताजा गैर फिल्मी और विधा विशेष से मुक्त एल्बम आजाद कोलैब के बारे में, जिसमें 22 कलाकार शामिल
इंसानों की सोहबत में आलसी और बीमार
पालतू जानवर अपने इंसानी मालिकों की तरह ही लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारियों का शिकार हो रहे हैं और उन्हें वही मेडिकल केयर मिल रही है. इसने पालतू जानवरों के लिए सुपर स्पेशलाइज्ड सर्जरी और इलाज के इर्द-गिर्द एक पूरी इंडस्ट्री को जन्म दिया
शहरी छाप स लौटी रंगत
गुजराती सिनेमा दर्शक और प्रशंसा बटोर रहा है क्योंकि इसके कथानक और दृश्य ग्रामीण परिवेश के बजाए अब शहरी जीवन के इर्द-गिर्द गूंथे जा रहे हैं. हालांकि सीमित संसाधन और बंटे हुए दर्शक अब भी चुनौती बने हुए हैं
चट ऑर्डर, पट डिलिवरी का दौर
भारत का खुदरा बाजार तेजी से बदल रहा है क्योंकि क्विक कॉमर्स ने तुरंत डिलिवरी के साथ पारंपरिक खरीदारी में उथल-पुथल मचा दी है. रिलायंस जियो, फ्लिपकार्ट और अमेजन जैसे कॉर्पोरेट दिग्गजों के इस क्षेत्र में उतरने से स्पर्धा तेज हो गई है जिससे अंत में ताकत ग्राहक के हाथ में ही दिख रही
'एटम बम खुद फैसले नहीं ले सकता था, एआइ ले सकता है”
इतिहास के प्रोफेसर और मशहूर पब्लिक इंटेलेक्चुअल युवाल नोआ हरारी एक बार फिर चर्चा में हैं. एआइ के रूप में मानव जाति के सामने आ खड़े हुए भीषण खतरे के प्रति आगाह करती उनकी ताजा किताब नेक्सस ने दुनिया भर के बुद्धिजीवियों का ध्यान खींचा है.
सरकार ने रफ्ता-रफ्ता पकड़ी रफ्तार
मुख्यमंत्री सिद्धरामैया उपचुनाव में कांग्रेस के शानदार प्रदर्शन की बदौलत राजनैतिक चुनौतियों से निबटने लोगों का विश्वास बहाल करने और विकास तथा कल्याण की महत्वाकांक्षी योजनाओं पर दे रहे जोर
हम दो हमारे तीन!
जनसंख्या में गिरावट की आशंकाओं ने परिवार नियोजन पर बहस को सिर के बल खड़ा कर दिया है, क्या परिवार बड़ा बनाने के पैरोकारों के पास इसकी वाजिब वजहें और दलीलें हैं ?
उमरता कट्टरपंथ
बांग्लादेश में हिंदुओं का उत्पीड़न जारी है, दूसरी ओर इस्लामी कट्टरपंथ तेजी से उभार पर है. परा घटनाक्रम भारत के लिए चिंता का सबब
'इससे अच्छा तो झाइदारिन ही थे हम'
गया शहर के माड़रपुर में गांधी चौक के पास एक बैटरी रिक्शे पर बैठी चिंता देवी मिलती हैं. वे बताती हैं कि वे कचहरी जा रही हैं. उनके पास अपनी कोई सवारी नहीं है, सरकार की तरफ से भी कोई वाहन नहीं मिला है.
डीएपी की किल्लत का जिम्मेदार कौन?
3त्तर प्रदेश में आजमगढ़ के किसान वैसे तो कई दिनों से परेशान थे लेकिन 11 दिसंबर को उन्होंने डीएपी यानी डाइअमोनियम फॉस्फेट खाद उपलब्ध कराने की गुहार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुंचा दी.