उनके जीवनी लेखक उन्हें ऐसा व्यक्ति बताते हैं जो तकदीर लिखाकर लाया है. अहमदाबाद के 30 अरब डॉलर (2.5 लाख करोड़ रुपए) के अदाणी समूह के 62 वर्षीय चेयरमैन गौतम अदाणी कई हादसों से बचे हैं, 1998 में बंदूक के बल पर अपहरण की कोशिश और नवंबर 2008 में मुंबई के ताजमहल होटल में आतंकवादी हमले से उन्होंने अमेरिकी शॉर्टसेलर हिंडनबर्ग के जनवरी 2023 में लगाए आरोपों से भी पार पा लिया, जिसके मुताबिक, समूह की कंपनियों ने शेल कंपनियों और बाहर पैसा ले जाकर वापस देश में अपने शेयरों की कीमतें बढ़ाईं.
हालांकि, एक अमेरिकी अदालत के अभियोग में कहा गया है कि न्यूयॉर्क शेयर बाजार में सूचीबद्ध भारत की सौर बिजली कंपनी एज्यूर पावर के शीर्ष अधिकारियों ने 2020 में अदाणी और उनके दो वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मिलीभगत करके सौर बिजली करारों के लिए पांच राज्यों के सरकारी अधिकारियों को 26.5 करोड़ डॉलर (2,236 करोड़ रुपए) की रिश्वत दी. अमेरिकी प्रतिभूति और विनिमय आयोग (एसईसी) के आरोप हैं कि इन कथित गलत कामों को निवेशकों से छिपाया गया. यह अभी तक का सबसे बड़ा झटका है. आरोपों के अगले ही दिन 21 नवंबर को 11 अदाणी फर्मों के शेयर 20 फीसद से ज्यादा गिर गए. निवेशकों को 2.25 लाख करोड़ रुपए का नुक्सान हुआ. केन्या ने 2 अरब डॉलर (16,866 करोड़ रुपए) की अदाणी एयरपोर्ट परियोजना और 73.6 करोड़ डॉलर (6,207 करोड़ रुपए) का पावर ट्रांसमिशन लाइन का सौदा रद्द कर दिया. बांग्लादेश पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के कार्यकाल में हस्ताक्षरित बिजली उत्पादन करारों की समीक्षा कर रहा है जिनमें अदाणी की भी कुछ परियोजनाएं शामिल हैं.
मुश्किलें यहीं खत्म न हुईं. अदाणी के अक्षय ऊर्जा और गैस वितरण कारोबार में साझेदार फ्रांस की तेल दिग्गज टोटलएनर्जी ने कहा कि जब तक आरोप खत्म नहीं हो जाते, वह अदाणी की कंपनियों में निवेश नहीं करेगी. अदाणी ग्रीन एनर्जी को 60 करोड़ डॉलर (5,060 करोड़ रुपए) का बॉन्ड निर्गम रद्द करना पड़ा. रेटिंग एजेंसी मूडीज ने अदाणी की 7 फर्म की रेटिंग 'स्थिर' से 'ऋणात्मक' कर दी जिससे उधारी महंगी हो जाएगी. फिच ने भी कुछ बॉन्ड को ग्रेड के लिए निगरानी में रखा है जिससे 26 नवंबर को शेयर लुढ़क गए.
रिश्वत का बड़ा मामला
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