इस वर्ष क्यूबा क्रांति की 65वीं वर्षगांठ दुनिया भर में मनाई जा रही है। अमेरिका ने 7 फरवरी 1962 को क्यूबा पर, जो आर्थिक प्रतिबंध थोपा था, वह आज तक जारी है। वह फ्लोरिडा के अपने तट से महज नब्बे मील दूर 'कम्युनिस्ट बवाल' से बहुत क्षुब्ध था और उसने छोटे-से कैरिबियाई देश को नेस्तनाबूद कर डालने के खयाल से बंदिशें लगा दीं। यकीनन, बंदिशों की वजह से क्यूबा को खाद्य-पदार्थों और दवाइयों से लेकर भारी वाहनों और कई तरह की मशीनों की बेइंतहा किल्लत झेलनी पड़ी, मगर उसने घुटने टेकने से इनकार कर दिया। इन बंदिशों के खिलाफ दुनिया भर में उठी आवाजों से क्यूबा का संकल्प और मजबूत हुआ। एक ब्रितानी टिप्पणीकार ने लिखा, "हर वसंत में, जैसे घड़ी की सूई घूमती है, बड़ी संख्या में देश बंदिशों के निंदा प्रस्ताव पर पुरजोर समर्थन जताते हैं। नवंबर 2011 में 186 देशों ने प्रतिबंधों का विरोध किया जबकि अमेरिका के पक्ष में सिर्फ इजरायल था।"
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गांधी पर आरोपों के बहाने
गांधी की हत्या के 76 साल बाद भी जिस तरह उन पर गोली दागने का जुनून जारी है, उस वक्त में इस किताब की बहुत जरूरत है। कुछ लोगों के लिए गांधी कितने असहनीय हैं कि वे उनकी तस्वीर पर ही गोली दागते रहते हैं?
जिंदगी संजोने की अकथ कथा
पायल कपाड़िया की फिल्म ऑल वी इमेजिन ऐज लाइट परदे पर नुमाया एक संवेदनशील कविता
अश्विन की 'कैरम' बॉल
लगन और मेहनत से महान बना खिलाड़ी, जो भारतीय क्रिकेट में अलग मुकाम बनाने में सफल हुआ
जिसने प्रतिभाओं के बैराज खोल दिए
बेनेगल ने अंकुर के साथ समानांतर सिनेमा और शबाना, स्मिता पाटील, नसीरुद्दीन शाह, ओम पुरी, गिरीश कार्नाड, कुलभूषण खरबंदा और अनंतनाग जैसे कलाकारों और गोविंद निहलाणी जैसे फिल्मकारों की आमद हिंदी सिनेमा की परिभाषा और दुनिया ही बदल दी
सुविधा पचीसी
नई सदी के पहले 25 बरस में 25 नई चीजें, जिन्होंने हमारी रोजमर्रा की जिंदगी पूरी तरह से बदल डाली
पहली चौथाई के अंधेरे
सांस्कृतिक रूप से ठहरे रूप से ठहरे हुए भारतीय समाज को ढाई दशक में राजनीति और पूंजी ने कैसे बदल डाला
लोकतंत्र में घटता लोक
कल्याणकारी राज्य के अधिकार केंद्रित राजनीति से होते हुए अब डिलिवरी या लाभार्थी राजनीति तक ढाई दशक का सियासी सफर
नई लीक के सूत्रधार
इतिहास मेरे काम का मूल्यांकन उदारता से करेगा। बतौर प्रधानमंत्री अपनी आखिरी सालाना प्रेस कॉन्फ्रेंस (3 जनवरी, 2014) में मनमोहन सिंह का वह एकदम शांत-सा जवाब बेहद मुखर था।
दो न्यायिक खानदानों की नजीर
खन्ना और चंद्रचूड़ खानदान के विरोधाभासी योगदान से फिसलनों और प्रतिबद्धताओं का अंदाजा
एमएसपी के लिए मौत से जंग
किसान नेता दल्लेवाल का आमरण अनशन जारी लेकिन केंद्र सरकार पर असर नहीं