हरियाणा की हिसार लोकसभा सीट के भाजपा प्रत्याशी रणजीत सिंह चौटाला 12 मई की ढलती शाम नारनौंद क्षेत्र के सिसाय गांव में पहुंचे। जैसे ही उन्होंने अपने संबोधन की भूमिका बांधनी शुरू की, काली पट्टी बांधे नौजवानों के विरोध के नारों में उनकी आवाज दब गई। स्वभाव से विनम्र चौटाला ने संबोधन रोक दिया। भीड़ में से एक आवाज आई, “मैं कृष्ण कुमार सेना से रिटायर्ड मेजर इसी गांव का रहना वाला हूं। मैं अग्निवीर योजना का प्रत्यक्षदर्शी हूं। इस योजना के तहत भर्ती हुए फौजियों के सेंटर का मैं ट्रेनिंग इंचार्ज था। मेरी भर्ती के समय नौ महीने की ट्रेनिंग के बाद रिटायरमेंट तक हम सीखते रहते हैं, लेकिन अब छह महीने की ट्रेनिंग के बाद अग्निवीर फौजियों को बॉर्डर पर खड़ा करना कितना सही है?” जवाब में रणजीत चौटाला ने कहा, “मामला केंद्र सरकार का है और मैं हरियाणा सरकार में मंत्री था।” मेजर कुमार ने दूसरा सवाल दागा, “आपके समर्थन से हरियाणा में भाजपा सत्ता में है तो अग्निवीर का विरोध क्यों नहीं किया? युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ की यह योजना जारी है। ऐसे में भाजपा को वोट क्यों दें”? तभी किसान रामफल ने कहा, “सालाना 6,000 रुपये प्रधानमंत्री किसान निधि से न तो खाद और न ही डीजल के बढ़े हुए दाम की भरपाई हुई। एमएसपी की गारंटी दो, हम वोट की गारंटी देते हैं।” प्राइवेट स्कूल के शिक्षक सुनील सांगवान ने सवाल दागा, “आपसे पहले के सासंद बृजेंद्र सिंह ने पांच साल से शक्ल नहीं दिखाई। आप तो ऐसा नहीं करोगे?”
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बालमन के गांधी
ऐसे दौर में जब गांधी की राजनीति, अर्थनीति, समाजनीति, सर्व धर्म समभाव सबसे देश काफी दूर जा चुका है, बच्चों की पढ़ाई-लिखाई का रंग-ढंग बदलता जा रहा है, समूचे इतिहास की तरह स्वतंत्रता संग्राम के पाठ में नई इबारत लिखी जा रही है, गांधी के छोटे-छोटे किस्सों को बच्चों के मन में उतारने की कोशिश वाकई मार्के की है। नौंवी कक्षा की छात्रा रेवा की 'बापू की डगर' समकालीन भारत में विरली कही जा सकती है।
स्मृतियों का कोलाज
वंशी माहेश्वरी भारतीय और विश्व कविता की हिंदी अनुवाद की पत्रिका तनाव लगभग पचास वर्षों से निकालते रहे हैं। सक्षम कवि ने अपने कवि रूप को पीछे रखा और बिना किसी प्रचार-प्रसार के निरंतर काव्य- सजून करते रहे हैं।
लाल और चमकीला का पंजाब
बॉलीवुड के लिए कहानियों और संगीत का समृद्ध स्रोत रहा राज्य अब परदे पर नशे, फूहड़पन का पर्याय बना
दिखा महिला टीम का दम
एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी की जीत से टीम का आत्मविश्वास बढ़ा, चीन से हार का बदला भी पूरा हुआ
ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत करना प्राथमिकता
हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार के दो साल पूरे होने पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से आउटलुक के मनीष पाण्डेय ने सरकार के कामकाज, उपलब्धियों और परेशानियों के बारे विस्तृत बातचीत की। मुख्य अंश:
ढोल से डीजे तक का सफर
शादी में नाचने से ही रौनक आती है, नाचने के लिए धुन या गाने ऐसे हों कि बस कदम रुके ही नहीं
परंपरा और अर्थव्यवस्था का संगम
शादी के आभूषण अर्थव्यवस्था के साथ समाजिक और सांस्कृतिक परिदृश्यों को भी प्रभावित करते हैं
असरदार हैं मशहूर लोगों की महंगी शादियां
शादी बड़ी हो या छोटी, अब हर शादी को यादगार पल बनाने की कोशिशें हो रही हैं
विवाह बाजार में आमद
भारत में महंगी और भव्य शादियों की चाह ने इसे एक अलग व्यापार बना दिया है, यह बाजार लगातार तेजी से बढ़ता जा रहा और कंपनियों की पेशकश भी बढ़ रही
दो सियासी खानदानों पर प्रश्नचिन्ह
विधानसभा चुनावों में अपने-अपने दलों की जबरदस्त हार के बाद क्या शरद पवार और उद्धव ठाकरे उबर पाएंगे