महाभारत की धरती हरियाणा में एक अक्टूबर को विधानसभा चुनावी रण से पहले सत्तारूढ़ भाजपा सरकार की लोकलुभावन घोषणाओं के बीच दलबदलू टिकटार्थी अपना टिकट पक्का करने के चक्कर में हैं। अप्रैल में लोकसभा चुनाव के मतदान के बाद से ही सभी दलों ने विधानसभा चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी थी। लेकिन उम्मीद से करीब एक महीना पहले चुनावों के ऐलान और आचार संहिता लगने से सत्तारूढ़ भाजपा की चुनावी घोषणाओं की झड़ी भरी बरसात में सूखे का शिकार हो गई। चुनाव के ऐलान के दिन ही हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने पुलिस में 5,600 सिपाहियों की भर्तियों की अधिसूचना जारी की। चुनाव आयोग ने प्रक्रिया जारी रखने की इजाजत तो दी मगर नतीजों की घोषणा पर रोक लगा दी है।
एक दशक से ठेके पर कार्यरत 1.20 लाख कर्मचारियों को नौकरी की सुरक्षा के ऐलान का अध्यादेश भी आचार संहिता के पेंच में फंस गया है। 2019 के लोकसभा चुनाव में सभी 10 सीटें जीतने वाली भाजपा की 2024 के लोकसभा चुनाव में 5 सीटों पर हार से विधानसभा की 90 में से 46 सीटों पर नुकसान को कम करने के लिए अगस्त के पहले पखवाड़े में की गई कई लोकलुभावन घोषणाएं सिरे चढ़ेंगी या नहीं, यह 4 अक्टूबर को चुनावी नतीजों से तय होगा।
चुनावों की घोषणा से हफ्ता भर पहले तीज के मौके पर महिला मतदाताओं को लुभाने के लिए जींद में मुख्यमंत्री नायब सैनी ने 46 लाख परिवारों को 500 रुपये में गैस सिलेंडर देने की घोषणा की। कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में 500 रुपये में गैस सिलेंडर मुहैया कराने की घोषणा की थी, जिसे भाजपा ने विधानसभा चुनाव के लिए अपनी जन-आशीर्वाद यात्राओं और ‘नॉन स्टॉप हरियाणा’ रैलियों की घोषणाओं में शामिल कर लिया है। भाजपा ने इन वादों में गरीब दलित परिवारों की लड़कियों के विवाह की शगुन राशि 41,000 रुपये से बढ़ाकर 71,000 रुपये करने, एक लाख रुपये से कम वार्षिक आय वाले परिवारों को मुफ्त बस यात्रा और वरिष्ठ नागरिकों को तीर्थयात्रा, बीपीएल परिवारों को 100 वर्ग गज के प्लॉट, 3,400 रुपये बेरोजगारी भत्ता, किसानों की 24 फसलों की एमएसपी पर सरकारी खरीद और आबियाना सैस (नहर पानी कर) माफ करने जैसी घोषणाएं की हैं।
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