इजरायल के हालिया हवाई हमलों में हिज्बुल्ला के सुप्रीमो हसन नसरुल्ला सहित इस समूह के कई आला नेताओं की मौत ने लेबनान सहित ईरान में भी उसकी कार्रवाइयों को गहरा झटका दिया है। नसरुल्ला अपने शीर्ष कमांडर के साथ मिल रहे थे जब इजरायल ने हमला किया। इस घटना से इजरायली प्रधानमंत्री बेंजमिन नेतन्याहू की छवि अपने देश में सुधरेगी। लेबनान में हिज्बुल्ला के ठिकानों को नष्ट करने के लिए इजरायल के हवाई हमले अब भी जारी हैं। हिज्बुल्ला का संचार तंत्र पेजर और वॉकी-टॉकी हमले के बाद ध्वस्त हो चुका है। ऐसे में इजरायल के पास उसके ऊपर हमला करने का अच्छा मौका है। नसरुल्ला की मौत अकेले लेबनान और गाजा को प्रभावित नहीं करेगी। इसका असर समूचे पश्चिमी एशिया और उसके पार होगा। बावजूद इसके, यह हिज्बुल्ला का अंत नहीं है क्योंकि वे महज लड़ाके नहीं हैं, राजनीतिक इस्लाम के प्रति संकल्पबद्ध लोग हैं। हां, नसरुल्ला और कई शीर्ष कमांडरों के चले जाने के बाद इस समूह को दोबारा संगठित होने और भविष्य की कार्रवाइयों को गढ़ने में वक्त जरूर लग सकता है। इस क्षेत्र के जानकार मानते हैं कि कोई न कोई इसका नेता बनकर उभर ही आएगा। नसरुल्ला ने करिश्माई नेता सैयद अब्बास मुसावी से समूह की कमान थामी थी, जिन्हें मार दिया गया था।
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गांधी पर आरोपों के बहाने
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सुविधा पचीसी
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लोकतंत्र में घटता लोक
कल्याणकारी राज्य के अधिकार केंद्रित राजनीति से होते हुए अब डिलिवरी या लाभार्थी राजनीति तक ढाई दशक का सियासी सफर
नई लीक के सूत्रधार
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दो न्यायिक खानदानों की नजीर
खन्ना और चंद्रचूड़ खानदान के विरोधाभासी योगदान से फिसलनों और प्रतिबद्धताओं का अंदाजा
एमएसपी के लिए मौत से जंग
किसान नेता दल्लेवाल का आमरण अनशन जारी लेकिन केंद्र सरकार पर असर नहीं