पुतिन को औरतों की नहीं बच्चों की चिंता
Sarita|January Second 2024
पुतिन ही नहीं, भारत के कट्टरवादी लोग भी औरतों को बच्चा पैदा करने की मशीन बना देना चाहते हैं. इस के पीछे के उद्देश्य में फर्क है. पुतिन सेना में सिपाही के लिए जनसंख्या बढ़ाना चाहते हैं जबकि भारत के लोग पूजापाठी जन्मोत्सव में पूजा-दक्षिणा के लिए ज्यादा बच्चे चाहते हैं.
पुतिन को औरतों की नहीं बच्चों की चिंता

दुनियाभर में जनसंख्या घट रही है. कुछ देशों में हालात खतरनाक स्तर पर पहुंच रहे हैं. इस वजह से अलगअलग देशों में समयसमय पर यह मांग उठती रहती है कि औरतें ज्यादा बच्चे पैदा करें. ताजा चिंता रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने व्यक्त की है. उन्होंने औरतों से अपील की है कि वे कम से कम 7-8 बच्चे पैदा करें. यह कोई बड़ी बात नहीं है, क्योंकि पुराने जमाने में ऐसा ही होता था. यह काफी अच्छा था. इसी परंपरा को बरकरार रखना चाहिए. पुतिन का कहना है कि बड़ा परिवार महज समाज की नींव नहीं, बल्कि एक आदर्श जीवन का तरीका है.

इस के पीछे की वजह को रूस और यूक्रेन को माना जा रहा है. इस जंग में बड़ी तादाद में रूसी सैनिक मारे जा रहे हैं. रूस में लड़के सेना में जाने से बच रहे हैं. इसलिए ज्यादा लोगों की जरूरत पड़ रही है, जिस की वजह से पुतिन औरतों से ज्यादा बच्चे पैदा करने की अपील कर रहे हैं. रूस में कई सालों से बर्थ रेट में कमी आ रही है. यूक्रेन और रूस के दरमियान यह जंग तकरीबन डेढ़ साल से जारी है. रिपोर्ट के मुताबिक, रूस के 50 हजार सैनिक मारे गए और तकरीबन 9,00,000 लोगों ने देश छोड़ दिया है.

रूस की ज्यादातर आवाम अपने घर छोड़ने पर मजबूर थी, क्योंकि पुतिन ने जंग में सैनिक की कमी पड़ने की वजह से 3 लाख फोर्स तैयार करने का ऐलान किया था. पुतिन ने रूस की औरतों से अपील की है कि हमारा पहला लक्ष्य देश की आबादी को बढ़ाना है. रूस की आबादी में पिछले कई दशकों से कमी हो रही है. जिसे बेहतर करने के लिए पुतिन औरतों से ज्यादा बच्चे पैदा करने की अपील कर रहे हैं. रूस की सरकार ने इस के लिए अहम मदद देने को भी कहा है. यहां तक कि बड़े परिवार को जमीन देने का भी वादा किया गया है.

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