खराब जीवनशैली से कमजोर पड़ रहे इम्यून सिस्टम की वजह से आज छोटीछोटी बीमारियां भी बड़ा रूप लेने लगी हैं और इन से निबटने का जो आसान विकल्प नजर आता है वह है एंटीबायोटिक. मगर क्या आप को पता है कि यह सेहत पर कितना बुरा असर डाल सकती हैं. डाक्टरों का कहना है कि एंटीबायोटिक दवाएं हमारी सेहत के लिए खतरनाक हैं और दुनियाभर में इन दवाओं का दुरुपयोग हो रहा है.
एंटीबायोटिक सिर्फ बैक्टीरियल इंफैक्शन से होने वाली बीमारियों पर असर करता है, लेकिन देखा यह गया है कि सर्दीजुकाम, फ्लू, ब्रौंकाइटिस या गला खराब होने पर कई डाक्टर भी एंटीबायोटिक दवा दे देते हैं या फिर लोग खुद मैडिकल स्टोर से खरीद लेते हैं. कैमिस्ट भी 20-25 रुपए की पुड़िया बना कर अपने हिसाब से एंटीबायोटिक दे देता है. आज लोग हैल्दी फूड और ऐक्सरसाइज पर निर्भर न हो कर पूरी तरह दवाइयों पर निर्भर हो गए हैं. छोटीछोटी बीमारियों के इलाज के लिए सब से ज्यादा एंटीबायोटिक का इस्तेमाल हो रहा है.
लोग भी सोचते हैं कि अगर हम डाक्टरों को दिखाते तो वे हमें एकडेढ़ हजार रुपए का चूना लगा देते. लेकिन हमारी यह सोच एकदम गलत है. आप यदि डाक्टर को नहीं दिखाना चाहते हैं तो कम से कम कैमिस्ट शौप से तो एंटीबायोटिक दवा न लें. दुनियाभर में हर वर्ष एंटीबायोटिक दवाइयों के बेअसर होने की वजह से लगभग 6 से 7 लाख से अधिक लोग अपनी जान गंवा देते हैं. अगर यही हाल रहा तो 2050 तक यह संख्या बढ़ कर एक करोड़ तक हो सकती है.
अगर आप छोटीछोटी बीमारियों के लिए इसी तरह मैडिकल स्टोर से एंटीबायोटिक का सेवन करते रहेंगे तो एक दिन ऐसा आएगा जब आप के शरीर को एंटीबायोटिक की जरूरत होगी लेकिन वह बेअसर होगी और आप जान से भी हाथ धो बैठेंगे.
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