पावर कॉर्पोरेशन ने बिजली निगमों की ओर से वर्ष 2025-26 का वार्षिक राजस्व आवश्यकता (एआरआर) का मसौदा नियामक 30 नवंबर की शाम आयोग में दाखिल कर दिया गया है। इसमें करीब 12800 से 13 हजार करोड़ का गैप (घाटा) दिखाया गया है। आयोग ने इस मसौदे को स्वीकृति दी तो बिजली दरें करीब 15 से 20 फीसदी तक बढ़ सकती हैं।
विद्युत निगमों की ओर से दाखिल किए गए मसौदे में एआरआर यानी बिजली दर का मसौदा करीब एक लाख 16 हजार करोड़ रुपये दिखाया गया है। इसमें करीब 12800 करोड़ का गैप दिखाते हुए आयोग से इसकी भरपाई की गुहार लगाई है। वर्ष 2025-26 के लिए 16 हजार करोड़ यूनिट बिजली की आवश्यकता बताई गई है। कुल बिजली खरीद की लागत लगभग 92 हजार से लेकर 95 हजार करोड़ के बीच है। बिजली कंपनियों की तरफ से आरडीएसएस की वितरण हानियां 13.25% को ही आधार माना गया है।
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