कई अर्थशास्त्रियों का मानना है कि मौद्रिक नीति, खासकर अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा किए जाने वाले दर संबंधित बदलावों के मुकाबले खाद्य मुद्रास्फीति जैसे स्थानीय कारकों पर ज्यादा निर्भर करेगी। 'फूड और फेड' शीर्षक वाली पैनल परिचर्चा के दौरान इक्रा में मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने अनुमान जताया कि भारत में कोई भी दर कटौती संभवतः 50 आधार अंकों तक सीमित होगी, जो यह दर्शाता है कि आरबीआई द्वारा फेड के आक्रामक दर कटौती के उपायों को अपनाने की संभावना कम है और इसके बजाय वह स्थानीय आर्थिक जरूरतों के हिसाब से दर कटौती की समय-सीमा का विकल्प चुनेगा।
उन्होंने कहा, 'दर कटौती की समय-सीमा इस पर ज्यादा निर्भर होनी चाहिए कि हमारी स्वयं के स्थानीय संदर्भ में क्या सही है न कि इस संदर्भ में फेड के साथ तालमेल बिठाने की कोशिश की जाए।' नायर ने मुद्रास्फीति की अपेक्षाओं पर खाद्य और किराये जैसे स्थानीय मुद्रास्फीति कारकों के महत्व पर जोर दिया।
उन्होंने कहा, 'खाद्य मुद्रास्फीति घरेलू मुद्रास्फीति की धारणा पर हावी है।' उन्होंने बताया कि किराना और किराया जैसे आवश्यक मद भारतीय परिवारों में मुद्रास्फीति की अपेक्षाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
This story is from the November 09, 2024 edition of Business Standard - Hindi.
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मंदी से बचने के लिए उपाय ज़रूरी: कांग्रेस
कांग्रेस ने जारी की 'अर्थव्यवस्था की वास्तविक स्थिति' रिपोर्ट
हर साल 10 फीसदी से अधिक न बढ़ाएं बीमा प्रीमियम
नवीकरण के दौरान स्वास्थ्य बीमा कंपनियों द्वारा वरिष्ठ नागरिकों के स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम में बहुत ज्यादा बढ़ोतरी की कई खबरें आने के बाद भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) ने गुरुवार को एक दिशानिर्देश जारी करके कहा है वरिष्ठ नागरिकों के स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम में एक साल में 10 प्रतिशत से ज्यादा वृद्धि नहीं की जा सकती है।
वित्तीय ज्ञान देने वालों के लिए सेबी ने तय की सीमाएं
बाजार नियामक सेबी ने ज्ञान देने वालों और वित्तीय फिनफ्यूएंसर्स के बीच अंतर साफ करने के लिए सीमाएं तय की हैं।
शहरी उपभोग में सुधार की उम्मीद
रेमंड के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक गौतम सिंघानिया ने कहा है कि मकर संक्रांति के बाद से शहरी उपभोग में सुधार की प्रवृत्ति दिख रही है और हमें उम्मीद है कि पूरे साल इसमें और सुधार होगा।
अदाणी का मुनाफा 97% घटा
अक्टूबर-दिसंबर 2024 में समाप्त तीसरी तिमाही में अदाणी एंटरप्राइजेज का संयुक्त शुद्ध लाभ 96.9 फीसदी घट गया। कंपनी के कोयला कारोबार और खनन व्यवसाय की बिक्री घटने से मुनाफे पर दबाव पड़ा। कंपनी ने वित्तीय लागत में भारी वृद्धि दर्ज की है। कंपनी ने कहा कि तिमाही परिणामों में ऑस्ट्रेलियाई डॉलर में कमजोरी के कारण ऑस्ट्रेलिया में खनन की वित्तीय लागत में विदेशी मुद्रा संबंधी मार्क टू मार्केट नुकसान का असर शामिल है।
मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल पर जुर्माना
प्रतिभूति कानूनों के कथित उल्लंघन पर बाजार नियामक सेबी ने मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज पर 7 लाख रुपये जुर्माना लगाया है।
महत्त्वपूर्ण खनिजों के लिए गंभीर प्रयास
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को राष्ट्रीय अति महत्त्वपूर्ण खनिज मिशन पर मुहर लगा दी।
महाकुंभ में सुरक्षा इंतजाम बढ़ाए
श्रद्धालुओं पर हादसे का कोई खास असर नहीं, 1.77 करोड़ लोगों ने लगाई डुबकी
असम व बिहार के लोगों का खाने-पीने पर ज्यादा खर्च
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने गुरुवार को घरेलू उपभोग व्यय सर्वेक्षण (एचसीईएस) रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि अगस्त 2023 से जुलाई 2024 के बीच असम के लोगों ने खाने-पीने की चीजों पर हर महीने अपनी कमाई का (एमपीसीई) सबसे ज्यादा खर्च किया है।
कैसे रफ्तार पकड़े भारत की विकास गाथा
वर्ष 2024 में भारत के प्रति बहुत ज्यादा उत्साह था। उस खोए उत्साह को वापस लाना आने वाले बजट का जिम्मा है। बता रहे हैं मिहिर शर्मा