एसआईपी खातों में गांव-कस्बों ने बड़े शहरों को पीछे छोड़ा
Business Standard - Hindi|November 21, 2024
एक साल के दौरान छोटे शहरों में एसआईपी खातों की संख्या 42 फीसदी जबकि बड़े शहरों में 28 फीसदी बढ़ी
अभिषेक कुमार
एसआईपी खातों में गांव-कस्बों ने बड़े शहरों को पीछे छोड़ा

■ बाजार में तेजी और वितरण नेटवर्क के विस्तार से कस्बाई और ग्रामीण इलाकों में बढ़ी म्युचुअल फंड की पैठ

■ कुल निवेश के मामले में बड़े शहर अभी भी छोटे शहरों से हैं काफी आगे

म्युचुअल फंड योजनाओं में सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) खाते खोलने में कस्बाई और ग्रामीण इलाकों के निवेशकों ने शहरी निवेशकों को पीछे छोड़ दिया है। बीते एक साल में एक्टिव इक्विटी योजनाओं में जोड़े गए नए एसआईपी खातों में 60 फीसदी हिस्सेदारी छोटे शहरों के निवेशकों की रही।

म्युचुअल फंड उद्योग ने निवेशकों को दो व्यापक श्रेणियों-टी-30 और बी-30 में वर्गीकृत किया है। म्युचुअल फंड में सबसे ज्यादा निवेश वाले शीर्ष 30 शहरों को टी-30 कहा जाता है और बाकी शहरों को बी-30 के रूप में वर्गीकृत किया गया है। उद्योग के आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि एक्टिव इक्विटी योजनाओं में बी-30 के एसआईपी खातों की संख्या सितंबर 2023 से सितंबर 2024 में 42 फीसदी बढ़कर 4.2 करोड़ हो गई। इस दौरान टी-30 शहरों में खातों की संख्या 28 फीसदी ही बढ़ी।

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