विगत में बाजार में गिरावट अल्पकालिक साबित हुई हैं। क्या इस बार की गिरावट अलग है?
मौजूदा उतारचढ़ाव कई वजहों से है, चीन के आर्थिक प्रोत्साहन उपायों से लेकर दूसरी तिमाही के निराशाजनक आय सीजन आदि तक। आरंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) और पात्र संस्थागत नियोजन (क्यूआईपी) के माध्यम से इक्विटी की बढ़ी हुई आपूर्ति ने बाजार पर दबाव बढ़ा दिया। अंत में, मजबूत डॉलर की संभावना का मतलब है कि उभरते बाजारों में आने वाली रकम पर असर जारी रहेगा। मेरा मानना है कि यह गिरावट कीमत से अधिक समय से जुड़ी है, जिसके परिणामस्वरूप कम या सपाट रिटर्न के दौर की संभावना है, वैसा ही जैसा हमने नवंबर 2021 और मार्च 2023 के बीच देखा था। निफ्टी-50 इंडेक्स एक साल की आगे की कमाई के लगभग 21 गुने के उच्च मूल्यांकन पर कारोबार कर रहा है। हालांकि बाजार में मूल्यांकन अलग-अलग हैं। मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों की तुलना में लार्जकैप अपेक्षाकृत सस्ते दिखाई दे रहे हैं। इसलिए, निवेशकों को उन क्षेत्रों पर ध्यान देना चाहिए जिनमें चौंकाने वाली सकारात्मक आय की संभावना हो या जिनका मूल्यांकन आकर्षक हो।
दूसरी तिमाही की आय पर आपकी क्या राय है? क्या किसी सेक्टर ने चौंकाया है?
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रेलवे में हर तरफ हो रहा आमूलचूल बदलाव: मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि वह समय दूर नहीं जब देश में पहली बुलेट ट्रेन दौड़ने लगेगी। मोदी ने कहा कि सरकार बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण, ट्रेनों में आधुनिक सुविधाएं, देश के सभी हिस्सों में संपर्क को बढ़ावा और रोजगार व उद्योग को समर्थन देना आदि रेल क्षेत्र में विकास के चार मानकों पर काम कर रही है।
दिल्ली में महिलाओं को 2500 रुपये देगी कांग्रेस
कांग्रेस ने दिल्ली विधान सभा चुनाव के मद्देनजर सोमवार को \"प्यारी दीदी योजना\" की घोषणा की, जिसके तहत उसने सत्ता में आने पर राष्ट्रीय राजधानी की महिलाओं को हर महीने 2,500 रुपये की वित्तीय सहायता देने का वादा किया है।
असैन्य परमाणु करार पर काम जारी
अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सलिवन से मिले विदेश मंत्री एस जयशंकर
बिहार : परीक्षाओं में पारदर्शिता सवालों के घेरे में
बिहार की राजधानी पटना के बापू परीक्षा परिसर में 13 दिसंबर को शुभम कुमार (नाम परिवर्तित) बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की 70वीं संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा (सीसीई) दे रहे थे।
वर्ष 2025 के लिए तीन तमन्नाएँ
उद्योग जगत को तकनीक और अंतरराष्ट्रीय बिक्री में निवेश करना चाहिए। आर्थिक नीति को ढांचागत बदलावों और उत्पादकता पर ध्यान देना चाहिए तथा विचारों की राजनीति होनी चाहिए। बता रहे हैं नौशाद फोर्ब्स
हिचकोले खाती भारत की आर्थिक वृद्धि की गाड़ी
नवंबर के शुरू में मैंने अपने एक आलेख में जिक्र किया था कि भारतीय अर्थव्यवस्था अनुमान के मुताबिक ही बिना उत्साह आगे बढ़ रही है।
स्थिर यील्ड का बैंकों के लाभ पर पड़ेगा असर
चालू वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) के दौरान बैंकों की ट्रेजरी आय कम रहने की संभावना है, क्योंकि तिमाही के अंत में बेंचमार्क यील्ड में कुछ खास बदलाव नहीं हुआ है।
रोजगार, वृद्धि और मांग पर खास ध्यान
वित्त मंत्रालय ने सोमवार को विभिन्न हिस्सेदारों के साथ नवें दौर की बजट पूर्व चर्चा पूरी कर ली है। मंत्रालय को खपत बढ़ाने, रोजगार बढ़ाने, व्यक्तिगत से लेकर एमएसएमई तक को कर छूट और कई तरह के सुधार के सुझाव मिले हैं।
बैंकों से बुनियादी ढांचे को मिले ज्यादा धन
केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने बैंकों और गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को सुझाव दिया है कि वे बड़ी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को धन मुहैया करने में अपनी भागीदारी बढ़ाएं। मंत्रालय के अनुसार विकसित भारत 2047 के लक्ष्य को हासिल करने के लिए यह महत्त्वपूर्ण है।
लार्जकैप का कटऑफ बढ़कर 1 लाख करोड़ रुपये के पार
पिछले छह महीने में सबसे ज्यादा औसत बाजार पूंजीकरण वाली 100 अग्रणी कंपनियों को लार्जकैप के तौर पर वर्गीकृत किया जाता है