चूंकि वह पहले से ही फ्रांस से स्नातकोत्तर के समान एक डिग्री हासिल कर चुके थे इसलिए उन्होंने पेरिस जाने का फैसला किया क्योंकि उनका इरादा फ्रेंच भाषा में एक अन्य कोर्स करने का था। हालांकि दक्षिण मुंबई के रहने वाले जौहर की दिलचस्पी हिंदी फिल्मों में काफी पहले से थी। उन दिनों उनके बचपन के दोस्त आदित्य चोपड़ा अपनी पहली फिल्म लिख रहे थे और जौहर इस फिल्म को लिखने में उनकी मदद भी कर रहे थे।
पेरिस जाने के ठीक तीन दिन पहले चोपड़ा ने उनसे बात की और कहा, ‘तुम फिल्मों के लिए ही बने हो। एक दिन तुम फिल्मकार बनोगे।’ इसके बाद उन्होंने जौहर से गुजारिश की कि वे उनकी फिल्म में उनका सहयोग करें। ये बातें जौहर ने अपनी आत्मकथा ‘एन अनसूटेबल बॉय’ में लिखी हैं जिसे पेंगुइन प्रकाशन ने 2017 में प्रकाशित किया था।
‘शोले’ फिल्म के बाद भारतीय सिनेमा के इतिहास में सबसे बड़ी सफलता पाने वाली फिल्म ‘दिलवाले दुल्हनियां ले जाएंगे’ (1995) बनी और यह एक कल्ट क्लासिक फिल्म साबित होने के साथ ही 25 वर्षों से अधिक समय तक सिनेमाघरों में चलती रही।
सूरज बड़जात्या की फिल्म, ‘हम आपके हैं कौन’ (1994) के साथ ही ‘दिलवाले दुल्हनियां ले जाएंगे’ ने भारतीय फिल्मों के लिए विदेशी बाजार के दरवाजे खोल दिए। चोपड़ा, जौहर और बड़जात्या पहले ऐसे फिल्मकार बने जिन्होंने1990 के दशक के शुरुआती दौर में भारत में उदारवाद के आगमन के साथ ही दर्शकों की बदलती पसंद को समझते हुए नए प्रयोग करने शुरू किए।
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रेलवे में हर तरफ हो रहा आमूलचूल बदलाव: मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि वह समय दूर नहीं जब देश में पहली बुलेट ट्रेन दौड़ने लगेगी। मोदी ने कहा कि सरकार बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण, ट्रेनों में आधुनिक सुविधाएं, देश के सभी हिस्सों में संपर्क को बढ़ावा और रोजगार व उद्योग को समर्थन देना आदि रेल क्षेत्र में विकास के चार मानकों पर काम कर रही है।
दिल्ली में महिलाओं को 2500 रुपये देगी कांग्रेस
कांग्रेस ने दिल्ली विधान सभा चुनाव के मद्देनजर सोमवार को \"प्यारी दीदी योजना\" की घोषणा की, जिसके तहत उसने सत्ता में आने पर राष्ट्रीय राजधानी की महिलाओं को हर महीने 2,500 रुपये की वित्तीय सहायता देने का वादा किया है।
असैन्य परमाणु करार पर काम जारी
अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सलिवन से मिले विदेश मंत्री एस जयशंकर
बिहार : परीक्षाओं में पारदर्शिता सवालों के घेरे में
बिहार की राजधानी पटना के बापू परीक्षा परिसर में 13 दिसंबर को शुभम कुमार (नाम परिवर्तित) बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की 70वीं संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा (सीसीई) दे रहे थे।
वर्ष 2025 के लिए तीन तमन्नाएँ
उद्योग जगत को तकनीक और अंतरराष्ट्रीय बिक्री में निवेश करना चाहिए। आर्थिक नीति को ढांचागत बदलावों और उत्पादकता पर ध्यान देना चाहिए तथा विचारों की राजनीति होनी चाहिए। बता रहे हैं नौशाद फोर्ब्स
हिचकोले खाती भारत की आर्थिक वृद्धि की गाड़ी
नवंबर के शुरू में मैंने अपने एक आलेख में जिक्र किया था कि भारतीय अर्थव्यवस्था अनुमान के मुताबिक ही बिना उत्साह आगे बढ़ रही है।
स्थिर यील्ड का बैंकों के लाभ पर पड़ेगा असर
चालू वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) के दौरान बैंकों की ट्रेजरी आय कम रहने की संभावना है, क्योंकि तिमाही के अंत में बेंचमार्क यील्ड में कुछ खास बदलाव नहीं हुआ है।
रोजगार, वृद्धि और मांग पर खास ध्यान
वित्त मंत्रालय ने सोमवार को विभिन्न हिस्सेदारों के साथ नवें दौर की बजट पूर्व चर्चा पूरी कर ली है। मंत्रालय को खपत बढ़ाने, रोजगार बढ़ाने, व्यक्तिगत से लेकर एमएसएमई तक को कर छूट और कई तरह के सुधार के सुझाव मिले हैं।
बैंकों से बुनियादी ढांचे को मिले ज्यादा धन
केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने बैंकों और गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को सुझाव दिया है कि वे बड़ी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को धन मुहैया करने में अपनी भागीदारी बढ़ाएं। मंत्रालय के अनुसार विकसित भारत 2047 के लक्ष्य को हासिल करने के लिए यह महत्त्वपूर्ण है।
लार्जकैप का कटऑफ बढ़कर 1 लाख करोड़ रुपये के पार
पिछले छह महीने में सबसे ज्यादा औसत बाजार पूंजीकरण वाली 100 अग्रणी कंपनियों को लार्जकैप के तौर पर वर्गीकृत किया जाता है