■ बिज़नेस स्टैंडर्ड के सर्वेक्षण में शामिल ज्यादातर प्रतिभागियों ने कहा कि रीपो दर में फरवरी से पहले कटौती की गुंजाइश नहीं
■ आरबीआई चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी अनुमान को घटाकर 7 फीसदी से कम कर सकता है
■ पूरे वित्त वर्ष के लिए मुद्रास्फीति अनुमान भी बढ़ाए जाने की आशंका
चालू वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर घटकर 5.4 फीसदी रह गई है मगर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की 6 सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति द्वारा इस हफ्ते प्रस्तावित बैठक में रीपो दर घटाए जाने की उम्मीद नहीं है। बिज़नेस स्टैंडर्ड द्वारा कराए गए सर्वेक्षण में 10 प्रतिभागियों ने यह राय जाहिर की। केवल एक प्रतिभागी आईडीएफसी फर्स्ट बैंक ने कहा कि रीपो दर में 25 आधार अंक की कटौती हो सकती है।
अधिकतर प्रतिभागियों ने कहा कि चालू वित्त वर्ष के लिए वृद्धि दर और मुद्रास्फीति के अनुमान में संशोधन हो सकता है। आरबीआई ने 7.2 फीसदी वृद्धि दर का अनुमान लगाया था जिसमें वह कमी कर सकता है और मुद्रास्फीति के अनुमान को 4.5 फीसदी से बढ़ाया जा सकता है।
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