नगर निकायों को अधिक प्रशासनिक स्वायत्ता तथा वित्तीय स्वतंत्रता प्रदान करने के लिए स्थानीय प्रशासन का विकेंद्रीकरण बहुत जरूरी है। नगर निकायों का राजस्व बढ़ाना वित्तीय जरूरत नहीं है बल्कि यह प्रभावी शहरी प्रशासन के लिए बुनियादी जरूरत है। नगर पालिकाएं अपने आय के स्रोतों में विविधता लाकर तथा राजकोषीय क्षमताओं को बढ़ाकर अधिक सक्रिय तथा टिकाऊ शहरी प्रबंधन नीतियां तैयार कर सकती हैं।
नगरीय निकायों के प्रभावी वित्तीय प्रबंधन में दोहरा दृष्टिकोण शामिल होता है, जिसके तहत सरकार के उच्चतर स्तरों से वित्तीय अंतरण और स्थानीय राजस्व का अच्छे ढंग से सृजन, उपयोग तथा आवंटन जरूरी होता है। भारत में शहरी स्थानीय निकायों को वित्तीय स्वायत्तता हासिल करने में बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है क्योंकि उन्हें सीमित मात्रा में अधिकार और संसाधन मिले हैं।
भारत में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का केवल 0.45 फीसदी हिस्सा वित्तीय अंतरण के तौर पर नगर निकायों को दिया जाता है। इसके उलट ब्राजील, इंडोनेशिया, फिलीपींस और मेक्सिको जैसे देशों में जीडीपी का 1.6 फीसदी से 5.4 फीसदी तक नगर निकायों को मिल जाता है। यूरोपीय देशों में उन्हें जीडीपी का 6 से 10 फीसदी तक आवंटित किया जाता है। इससे पता चलता है कि स्थानीय प्रशासन को सहारा देने के लिए मजबूत अंतरसरकारी राजकोषीय व्यवस्थाएं कितनी जरूरी हैं। इन अंतरराष्ट्रीय मानकों से यह भी पता चलता है कि भारत में नगर निकायों को मिलने वाला धन या वित्तीय अंतरण बढ़ाए जाने की कितनी अधिक जरूरत है। साथ ही यह भी जरूरी है कि नगर निकाय स्वयं राजस्व तैयार करें, जिसमें अभी तक वे बुरी तरह पिछड़ रहे हैं।
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तिब्बत में 6.8 तीव्रता के भूकंप से 126 की मौत
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इस साल 6 नई फंड कंपनी देंगी दस्तक
इस साल 68 लाख करोड़ रुपये के म्युचुअल फंड उद्योग में कई नई एफएम कंपनियां दस्तक देने की तैयारी कर रही हैं।
आरईसी की 2,848 करोड़ रु. फंसा कर्ज बेचने की योजना
अभिजीत ग्रुप की इकाई है कॉरपोरेट पावर लिमिटेड जो परिसमापन की प्रक्रिया में है
देश के कृषि व संबंधित गतिविधियों में फिर वृद्धि की आस
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कम जीडीपी के बावजूद हासिल हो जाएगा राजकोषीय घाटे का लक्ष्य
बजट अनुमान की तुलना में पूंजीगत व्यय 1 से 1.5 लाख करोड़ रुपये कम रहने के कारण हासिल हो जाएगा लक्ष्य
पूंजीगत खर्च, सेफगार्ड शुल्क इस्पात के लिए मुख्य कारक
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देश में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) के मामले सामने आने के बाद केंद्र ने राज्यों से सांस से जुड़ी बीमारियों की निगरानी बढ़ाने और यह बीमारी फैलने से रोकने के लिए लोगों के बीच जागरूकता बढ़ाने को कहा है।
'केंद्रीय बजट में न हो दिल्ली के लिए कोई खास ऐलान'
दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने की घोषणा
मुद्रा की कीमत में बदलाव और बाजार की भूमिका
अगर मुद्रा में बिना किसी हस्तक्षेप के निरंतर उतार-चढ़ाव होते रहने दिया जाए तो यह बेहतर होता है। यकीनन बाजार इस मामले में बेहतर काम करता है।